इंदौर में भी बड़ी संख्या में लोग नए साल के पहले दिन 1 जनवरी की शुरुआत देव दर्शन के साथ करते हैं। शहर के प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर में हर साल भक्तों की संख्या बढ़ती जा रही है। पिछले साल की तुलना में इस बार करीब डेढ़ लाख से ज्यादा भक्तों के आने की संभावना है।
मंदिर प्रशासन का मानना है कि इस बार 6 लाख से ज्यादा भक्त मंदिर पहुंचेंगे। मंदिर में दर्शन व्यवस्था को लेकर तैयारियों का दौर जारी है। इस बार मंदिर पहुंचने वाले वाहनों का एंट्री पाइंट क्या रहेगा, ये फिलहाल तय नहीं हुआ है। 30 दिसंबर को इस पर निर्णय होगा। मंदिर आने वाले भक्तों को पिछले साल खजराना चौराहे से कालिका माता होते हुए मंदिर के अंदर प्रवेश दिया था और दर्शन के बाद श्रद्धालु वाहनों सहित गणेश पुरी सर्विस रोड होते हुए खजराना चौराहे पर पहुंचे थे। इस बार भी मंदिर पहुंचने के लिए यही व्यवस्था रहेगी या नहीं…अभी इस पर निर्णय नहीं हो सका है। व्यवस्था में बदलाव की कोशिश पर विचार चल रहा है। पुलिस की तरफ से ये सुझाव दिया गया है कि गणेशपुरी से भक्तों को एंट्री और कालिका माता मंदिर की ओर से भक्तों को बाहर किया जाएगा।
मंदिर पहुंचने के बाद पार्किंग में भक्त वाहन खड़े कर अंदर आएंगे। प्रसाद-हार फूल लेने के बाद भक्तों को दर्शन के लिए लाइन में लगना होगा। परिसर में ही बैरिकेड्स लगाकर जिग-जैग लाइन बनाई गई है। यहां पहली बार स्थायी शेड लगाया है। यहां से आगे भक्त मंदिर परिसर में प्रवेश करेंगे। वहां भी अस्थायी शेड लगाए जाएंगे। भगवान गणेश के दर्शन के लिए 4 स्टेप में 4 लाइन रहेगी। मंदिर प्रबंध समिति की कोशिश है कि लाइन में लगे भक्तों को अधिकतम 20 से 25 मिनट में भगवान के दर्शन हो जाएं। खजराना गणेश मंदिर में सुबह 6 से रात 12 बजे तक दर्शन होंगे। कोरोना काल के बाद रात को 12 से सुबह 6 बजे तक भक्तों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। पहले 24 घंटे दर्शन चालू रहते थे। 1 जनवरी के मद्देनजर पूरे मंदिर को फूलों से सजाया जाएगा। जनवरी महीने के आखिर में तिल चतुर्थी मेला भी लगेगा, तब भगवान का विशेष शृंगार किया जाता है। महाकाल कॉरिडोर बनने के बाद से दर्शन के लिए मंदिर आने वाले भक्तों की भीड़ और भी बढ़ गई है।