राजस्व वसूली बढ़ाने की जरूरत है। लेकिन राजस्व शाखा के अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही से जोन स्तर पर कम बकाया करों की वसूली नहीं हो पा रही है। लोक अदालत के दौरान शनिवार को नगर निगम के कार्यालयों में राजस्व वसूली के लिए शिविर लगाए गए थे, इसमें बकायादारों को संपत्तिकर और जलकर समेत अन्य करों को जमा करने में छूट भी दी जा रही थी। लेकिन प्रचार-प्रसार नहीं होने से निगम लक्ष्य के अनुसार 60 प्रतिशत राशि भी नहीं वसूल पाया। इसका कारण 21 में से 11 जोन में वसूली कम होना है।
निगम अधिकारियों ने लोक अदालत में वसूली के लिए 25 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा था, लेकिन इसमें मात्र 15 करोड़ रुपये ही वसूली हुई। जो लक्ष्य का 59.66 प्रतिशत है। इसमें भी पांच जोन ऐसे रहे, जहां 31 से 49 प्रतिशत ही वसूली हो सकी। निगम के राजस्व विभाग के अनुसार एक दिन में 13 हजार 747 लोगों से टैक्स वसूला गया। जबकि बड़े बकायादारों को वसूली के लिए नोटिस थमाए गए हैं। यह बकायादार समय पर कर जमा नहीं करेंगे तो इनकी संपत्तियों को कुर्क करने सहित नल कनेक्शन काटने की कार्रवाई होगी।
वसूली में पिछड़े यह जोन- सबसे कम वसूली में एक नंबर पर जोन एक रहा। जोन एक को सवा करोड़ रुपये वसूली का लक्ष्य दिया था। लेकिन 655 बकायादारों से 39 लाख 9 हजार रुपए ही वसूल सका। दूसरे नंबर पर जोन 16 रहा। जोन को ढाई करोड़ वसूलना थे, 94 लाख 97 हजार रुपए वसूल किए। तीसरे नंबर पर जोन 17 रहा। डेढ़ करोड़ रुपए वसूलना थे, 68 लाख 75 हजार वसूले। जोन 14 में भी वसूली का 46.75 प्रतिशत आया और पांचवे नंबर पर जोन 18 रहा। यहां 49.77 प्रतिशत
वसूली से तय होगी परफार्मेंस
लगातार कम वसूली को देखते हुए नगर निगम प्रशासन जोन के जोनल अधिकारी और वार्ड प्रभारियों की सूची तैयार कर रहा है। बताया जा रहा है कि जो हर बार लक्ष्य पूरा नहीं करते, उन्हें राजस्व मुख्यालय अटैच किया जा सकता है।
वहीं पीईबी से चयनित होकर आए नए कर्मचारी-अधिकारियों को जोन और वार्ड का जिम्मा देने की तैयारी है। यह भी बताया गया कि अभी एलडीसी और दूसरे कर्मचारियों को जोनल अधिकारी का प्रभार दिया गया है।