पिछले चार-पांच दिन गहन मंथन के पश्चात भारतीय जनता पार्टी का वरिष्ठ नेतृत्व लगभग निष्कर्ष पर पहुंच चुका है कि मध्यप्रदेश की कमान अब किसके हाथ होगी। भाजपा आज (शुक्रवार को) केंद्र की ओर से पर्यवेक्षक (आॅब्जर्वर) नियुक्त करने जा रही है, जो राजधानी भोपाल में जाएंगे। यहां आकर वे नव-चयनित विधायकों के साथ वन-टू-वन मीटिंग करेंगे। इस दरमियान पर्यवेक्षक प्रत्यक्ष रूप से विधायकों से सीएम उम्मीदवारी पर रायशुमारी करेंगे, वहीं केंद्र का संदेश भी देंगे कि सूबे की कमान अब किसके हाथ होगी।
इस रायशुमारी के बाद जो भी नाम सामने आएंगे, उनका एक पैनल तैयार होगा, उसे रविवार तक भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष रखा जाएगा, जिस पर पीएम मोदी, अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा विचार करेंगे। इसके बाद एक नाम तय किया जाएगा और उसके बाद एक बार फिर से भोपाल में बीजेपी के विधायक दल की मीटिंग बुलाएंगे और सीएम के नाम का औपचारिक ऐलान किया जाएगा। इस प्रकार मध्यप्रदेश के साथ ही छत्तीसगढ़ और राजस्थान के सीएम तय करने का रास्ता साफ कर दिया गया है।
रविवार को होगी विधायक दल की बैठक : भाजपा ने रविवार 10 दिसंबर को विधायक दल की बैठक बुलाई है। आॅब्जर्वर इसमें विधायक दल के नेता यानी सीएम की घोषणा करेंगे। सूबे का मुखिया कौन होगा, इसे लेकर दो स्थितियां बन सकती हैं। पहली- शिवराज पांचवीं बार सीएम बनें। दूसरी- शिवराज की जगह दिग्गजों में से कोई एक सीएम बने। इधर, दिल्ली में डेरा डाले बड़े नेताओं में प्रहलाद सिंह पटेल, कैलाश विजयवर्गीय और वीडी शर्मा भोपाल लौट आए हैं। बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि मुख्यमंत्री के नाम पर सस्पेंस रविवार को खत्म हो जाएगा।
…तो प्रहलाद पटेल सबसे आगे : सूत्रों के अनुसार, आलाकमान मप्र में सीएम को लेकर ओबीसी चेहरे की ओर बढ़ रहा है। शिवराज सिंह चौहान के बदलने की स्थिति में प्रहलाद पटेल का नाम सबसे आगे है। बिल्कुल नया ओबीसी फेस देने पर भी विचार हो रहा है।
ओबीसी नहीं तो फिर तोमर होंगे बॉस: अगर ओबीसी कार्ड नहीं चला तो ऐसे में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का नाम सीएम की रेस में सबसे आगे होगा। इसके अलावा मध्य प्रदेश में भी डिप्टी सीएम के फॉर्मूले को लागू किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि ग्वालियर में करीब 20 से ज्यादा जगहों पर नरेंद्र सिंह तोमर के पोस्टर लगे। जिस पर लिखा है- बॉस।
शिवराज बोले- केंद्र तय करेगा: मुख्यमंत्री कौन होगा, इस सवाल पर सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि यह तय करना पार्टी का काम है। सीएम शिवराज सिंह आज (शुक्रवार को) राघौगढ़ पहुंच रहे हैं। वे कह चुके हैं कि मुझे पार्टी ने जो भी काम दिया, मैंने पूरी निष्ठा और समर्पण से पूरा किया। मैं मुख्यमंत्री पद की रेस में न तो पहले था, न ही अब हूं।
विजयवर्गीय ने कहा : मीडिया के सवाल पर विजयवर्गीय ने कहा कि सीएम पद के लिए एक दर्जन नाम चल रहे हैं और ये सभी नाम आप ही चला रहे हैं।
गुरुवार को हुआ घटनाक्रम : इससे पहले के घटनाक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पीएम हाउस पहुंचकर प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की। इसके अलावा भाजपा संसदीय दल की बैठक हुई। इसमें प्रधानमंत्री ने कहा, तीनों राज्यों की जीत संगठन की शक्ति और टीम वर्क का नतीजा है। वीडी शर्मा ने नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात की। प्रहलाद पटेल ने मुरली मनोहर जोशी से आशीर्वाद लिया।
अगर शिवराज के नाम पर लगी मुहर तो : विधानसभा चुनाव जीतने वाले 2 केंद्रीय मंत्री- नरेंद्र सिंह तोमर और प्रहलाद पटेल के साथ तीनों सांसद राकेश सिंह, राव उदय प्रताप सिंह और रीति पाठक ने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। अब साफ हो गया है कि पांचों नेताओं की भूमिका अब मध्य प्रदेश में ही रहेगी। इन सभी को सरकार या संगठन में नई जिम्मेदारी देने की कवायद दिल्ली में चल रही है।
सीएम फेस के एलान में देरी पर विपक्ष ने उठाए सवाल : बीजेपी की तरफ से सीएम के एलान में हो रही देरी पर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं। शिवसेना सांसद प्रियंका चतुवेर्दी ने कहा कि चुनावी नतीजों के बाद भी 48 घंटे के बाद भी बीजेपी ने सीएम फेस का एलान नहीं किया है। प्रियंका ने कहा कि राजस्थान में जिस तरह हालात बन रहे हैं वहां मुख्यमंत्री की जरूरत है।