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तीन उलेमाओं की तकरीरें होंगी125 निकाह भी पढ़ाए गए

प्रदेश की राजधानी में 77वां आलमी तब्लीगी इज्तिमा जारी है। 11 दिसंबर तक चलने वाले इस आयोजन में 10 लाख से अधिक लोगों के पहुंचने की संभावना है। पहले दिन इज्तिमागाह में सुबह से देर रात तक देश के अलग-अलग हिस्सों से लोगों के आने का सिलसिला जारी रहा। मध्यप्रदेश के कई जिलों से लोग बसों एवं अन्य वाहनों से यहां पहुंच रहे हैं। आयोजन के दौरान आज तीन उलेमाओं की तकरीरें होंगी, जिसमें दीन इस्लाम के अलावा तालीम तरबियत के बारे में बताया जाएगा। इज्तिमा में पहली फजर की नमाज सुबह 6.10 बजे पढ़ी गई। इसके बाद दोपहर 2.15 बजे जौहर की नमाज और शाम 4.30 बजे असर की नमाज होगी।
पहले दिन पहुंचे ढाई लाख लोग
पहले दिन शुक्रवार को करीब ढाई लाख लोग पहुंचे हैं। इज्तिमा की इब्तिदा (आरंभ) मौलाना जमशेद ने शुक्रवार को फजर की नमाज से की। विशेष नमाज (जुमा) मौलाना मोहम्मद यूसुफ ने पढ़ाई। असर की नमाज के बाद मौलाना साद ने 125 इज्तिमाई निकाह पढ़ाए। मगरिब की नमाज के बाद मौलाना यूसुफ ने तकरीर की।
बुरा सुलूक करने वालों को माफ करो : मौलाना जमशेद
शुक्रवार को पहली तकरीर मौलाना जमशेद ने दी। उन्होंने कहा- दुनिया के इंसान जहन्नुम से बचकर जन्नत में जाने वाले बन जाएं। जितना ईमान मजबूत होगा, उतना अल्लाह के हुक्म को मानना आसान होगा। जितना दिल का यकीन ठीक होगा, उतना अल्लाह की जात का यकीन ठीक होगा। मस्जिदों को वही लोग आबाद करते हैं, जो अल्लाह पर यकीन रखते हैं। हुजूर ने फरमाया है, तुम लोगों में सबसे अच्छा वो है, जो अपने घरवालों के लिए अच्छा है। माफ करो उसको भी, जो तुम्हारे साथ बुरा सलूक करे।

20 देशों के लोग पहुंचे, सबसे ज्यादा किर्गिस्तान के
इज्तिमा कमेटी के मीडिया प्रभारी आरिफ मोहम्मद खान ने बताया कि 20 देशों से 197 मेहमान भोपाल पहुंच चुके हैं। इनमें सबसे ज्यादा संख्या किर्गिस्तान से हैं। यहां से 57 मेहमान आए हैं, जबकि मलेशिया से आने वाले लोगों की संख्या दूसरे नंबर पर है।
पहले दिन सुबह से ही पहुंचने लगे थे लोग
शुक्रवार को फजर की नमाज के बाद शुरू होने वाली तकरीर और बयान के दौर में शामिल होने के लिए अलसुबह ही लोग इज्तिमा गाह पहुंचने लगे थे।
इज्तिमा गाह पर पिछले सालों के मुकाबले इस साल बढ़ी हुई तादाद में जमातें पहुंचने की उम्मीद है। जमातों के आने का सिलसिला दुहा से पहले तक जारी रहता है। जिसके चलते यहां करीब 125 पंडाल में 5 लाख से ज्यादा जमातियों के ठहरने के इंतजाम पहले ही दिन से किया गया। जरूरत के लिहाज से यहां और पंडाल लगाए जाने की पूर्व तैयारी भी रखी गई है।

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