मालवा-निमाड़ की 12 से अधिक प्रमुख विधानसभा सीटों पर बागियों के उतरने से मुकाबला त्रिकोणीय रहा। इसमें इंदौर जिले की भी दो सीट महू और देपालपुर शामिल हैं। बागियों के कारण यह अनुमान लगाना मुश्किल हो गया है कि सीट बीजेपी और कांग्रेस में से कौन जीतेगा, क्योंकि बागी दोनों ही पार्टियों के जीत के समीकरण बिगाड़ने के साथ ही खुद सीट निकालने का दावा भी कर रहे हैं। इन सीटों पर वोटिंग परसेंट ने भी हार-जीत का अनुमान गड़बड़ा दिया है। जब बागियों से बात की तो कुछ ने लीड तक बता दी, कुछ ने यह भी बता दिया कि जीते तो किस पार्टी का समर्थन करेंगे… कोई बीजेपी तो कोई कांग्रेस को सपोर्ट करेगा।
जोबट सीट पर सबसे कम मतदान प्रतिशत रहा- आलीराजपुर जिले की जोबट सीट पर सबसे कम 54.37 प्रतिशत मतदान हुआ है, जो प्रदेश में सबसे कम है। बीजेपी से बागी माधोसिंह डावर यहां चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं महू सीट पर वोट परसेंट 77.35 रहा है। यहां से कांग्रेस के बागी अंतरसिंह दरबार को पार्टी ने छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। देपालपुर सीट पर 82.42 वोट परसेंट रहा है।
बागी रहेंगे निर्णायक
अब तक के चुनाव सर्वे में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे का मुकाबला बताया जा रहा है। दोनों ही पार्टियों को बहुमत के आंकड़े के करीब सीटें सर्वे और सट्टा बाजार दे रहे हैं। ऐसे में बागियों की भूमिका निर्णायक होने वाली है। बागी जीत-हार का समीकरण बिगाड़ेंगे तो इसका सीधा असर सरकार पर पड़ेगा। बीजेपी-कांग्रेस दोनों में से एक के लिए मुश्किल खड़ी होगी। अगर बागी जीतते हैं तो फिर किसका साथ देंगे, ये भी देखने वाली बात होगी। दोनों ही दलों के लिए उनका समर्थन महत्वपूर्ण रह सकता है।