Hindustanmailnews

चार पहिया वाहन से सफर में बिगड़ जाती थी पत्नी की तबीयत, तब से बाइक बनी लंबे सफर की साथी

इंदौर के मदन (51) और उनकी पत्नी सुषमा (47) शर्मा हाल ही में मोटरसाइकिल से 5 हजार किमी का सफर तय करके नेपाल से इंदौर लौटे हैं। इनका निवास न्यू द्वारकापुरी कॉलोनी में है। इन्होंने नेपाल में मां सीता की जन्मस्थली जनकपुर जाकर दर्शन किए। दोनों ने सीताजी के विवाह स्थल ‘स्वयंवर मंडप’ में शीश झुकाए और अखण्ड सौभाग्य की प्रार्थना कर सिंदूर प्राप्त किया। आज ‘करवा चौथ’ पर सुषमा यही सिंदूर धारण करके पति की लंबी उम्र की कामना करेंगी। पत्नी की इच्छा और समस्या के चलते दंपति बाइक से अब तक वैष्णोदेवी, बद्रीनाथ, केदारनाथ, रामेश्वर सहित 18 हजार किमी की यात्रा कर चुके हैं। इनका अगला पड़ाव नर्मदा परिक्रमा है। मध्यमवर्गीय मदन शर्मा के परिवार में पत्नी, बेटी पलक, बेटा नमन और मां पुष्पा हैं। पिता का कुछ साल पहले निधन हो चुका है। शर्मा ट्रांसपोर्ट कंपनी में जॉब करते हैं, पत्नी गृहिणी हैं। बेटी पुणे में इंफोसिस कंपनी में है। बेटा नमन अभी साइबर सिक्युरिटी की पढ़ाई कर रहा है। दंपति की शादी को 27 साल हो चुके हैं। पूरा परिवार धार्मिक प्रवृत्ति का है।
बाइक से सफर शुरू करने की कहानी- सुषमा को बचपन से बस, कार में सफर करने के दौरान अक्सर उल्टियां होती हैं। दवाइयां खाने के बाद भी उन्हें वाहन में घुटन होती है। इसी कारण से वह दूर का सफर नहीं करती हैं। 2011 में दंपति इंदौर के लालबाग के पास स्थित वैष्णोदेवी मंदिर में दर्शन के लिए गए थे। इस दौरान इनकी इच्छा थी कि वह वैष्णोदेवी के दर्शन के लिए भी जाएंगे, लेकिन उल्टियां होने के कारण हल नहीं निकल रहा था। दोनों जैसे ही इंदौर के वैष्णोदेवी मंदिर पहुंचे तो वहां भीड़ थी। तब मंदिर में निर्माण चल रहा था। इसके चलते एक दरवाजा से ही प्रवेश दिया जा रहा था। इस पर सुषमा ने पति से कहा कि उन्हें तो वैष्णोदेवी जाकर ही दर्शन करना है। प्लान बनाया कि बाइक से ही चलेंगे, क्योंकि फोर व्हीलर से जाएंगे तो रास्ते में उल्टियां होंगी। एक मिनट के लिए पति ने भी सोचा और फिर सहमति दे दी। फिर दोनों यहां से बिना दर्शन के ही लौट गए और वैष्णोदेवी जाने का प्लान बनाया।
खुद की पुरानी एक्टिवा थी इसलिए भाई की बाइक से पहुंचे थे वैष्णोदेवी- उस दौरान शर्मा के पास पुरानी एक्टिवा थी जिससे इतना लंबा सफर मुश्किल था। इस पर उन्होंने अपने बड़े भाई हरीश को अपनी बात बताई। फिर उनकी तीन साल पुरानी बाइक ली। इसके साथ ही उन्हें और सिर्फ मां व बच्चों को बताया कि दोनों बाइक से दर्शन के लिए जा रहे हैं। इसमें सभी ने सहमति दी। दोनों ने इंदौर के वैष्णोदेवी मंदिर से पहली बार बाइक से सफर शुरू किया। फिर एक बार दोस्त से बाइक लेकर यात्रा की, तीसरी यात्रा खुद की नई बाइक से की। तब से यह सिलसिला चल रहा है।

Scroll to Top
Verified by MonsterInsights