कतर की एक अदालत ने 26 अक्टूबर को भारत के 8 पूर्व नौसैनिकों को मौत की सजा सुना दी। कतर के कानूनों के मुताबिक, फरियादियों के पास अदालत के आदेश के खिलाफ अपील दायर करने के लिए 15 दिन हैं, जिनमें से 6 दिन पहले ही बीत चुके हैं। यानी मौत की सजा से बचने के लिए उनके पास सिर्फ 9 दिन का समय बचा है। भारत कतर को मनाने के लिए तुर्किये की मदद ले रही है। तुर्किये के कतर के शाही परिवार के साथ अच्छे संबंध हैं, इसलिए सरकार ने उसे मध्यस्थता के लिए अप्रोच किया है। भारत सरकार ने मदद के लिए अमेरिका से भी बात की है। इसकी वजह ये है कि रणनीतिक तौर पर अमेरिका की कतर पर ज्यादा मजबूत पकड़ है। भारत सरकार ने मामले को संभालने के लिए कतर में पूर्व भारतीय राजदूत दीपक मित्तल को शामिल किया है। जब आठों पूर्व नौसैनिकों को गिरफ्तार किया गया तब दीपक कतर में ही तैनात थे। हालांकि, पूर्व नौसैनिकों के परिजनों ने मित्तल पर मामला ठीक से हैंडल नहीं करने के आरोप लगाए हैं।