मोगरे की खुशबू से महकता परिसर… भजनों की स्वर लहरियों पर नाचते थिरकते भक्त… रामायण व हनुमान की चौपाइयों से गूंजता क्षेत्र और हजारों की तादाद में लंबी कतारों में अलीजा के दर्शनों के अभिलाषी भक्त। यह नजारा था पंचकुइया स्थित वीर बगीची में मंगलवार आंवला नवमी पर आयोजित अन्नकूट महोत्सव का, जहां 50 हजार से अधिक भक्तों ने अलीजा सरकार के दर्शन कर महाप्रसादी ग्रहण की।
श्रीश्री 1008 श्री बाल ब्रह्मचारी प्रभुवानंदजी सद्गुरुमहाराज के शिष्य बाल ब्रह्मचारी पवनान्दजी महाराज ने बताया कि वीर बगीची में अन्नकूट महोत्सव इस वर्ष दक्षिण भारतीय स्वरूप में आयोजित किया गया था, जिसमें अलीजा सरकार का शृंगार भी बालाजी स्वरूप में किया गया एवं भोग व छप्पन भोग भी केले के पत्तों पर लगाया गया। बालाजी स्वरूप के साथ ही अलीजा सरकार की पोशाक भी मुंबई के डायमंड से बनाई गई थी,जो यहां आने वाले भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र रही। अलीजा सरकार की पोशाक तैयार करने में 7 से 10 दिनों का समय लगा था।
सुंदरकांड और हनुमान की चौपाइयों से गूंजा परिसर
वीर बगीची में आयोजित अन्नकूट महोत्सव के दौरान भक्तों के दर्शन की अलग-अलग व्यवस्था की गई थी। एक ओर जहां भक्त वीर अलीजा सरकार के दर्शनों का लाभ ले रहे थे, वहीं दूसरी ओर भक्त मंडल द्वारा संगीतमय सुंदरकांड का पाठ किया जा रहा है। शाम 8 बजे से भजन संध्या भी आयोजित की गई, जिसमें मध्यरात्रि तक भजनों पर भक्त झूमते नजर आए।
वीर बगीची में अन्नकूट की परंपरा अति प्राचीन
बाल ब्रह्मचारी पवनान्दजी महाराज ने बताया कि पंचकुइया स्थित वीर बगीची में अन्नकूट की परंपरा अति प्राचीन है। वीर बगीची के ब्रह्मचारी कैलाशानंदजी, ओंकारानंदजी एवं प्रभुवानंदजी महाराज के पूर्व से चली आ रही अन्नकूट महोत्सव की परंपरा आज वर्तमान तक जारी है। प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में भक्त यहां पहुंचकर महाप्रसादी का लाभ लेते हैं।