महाकालेश्वर मंदिर के विस्तारीकरण का दूसरा चरण पूर्ण हो गया है। इस पर सरकार ने 242 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। इनमें राज्य सरकार और केंद्र सरकार का 50-50 प्रतिशत अंश है। स्मार्ट सिटी योजना के तहत पूरे कार्य पूर्ण हुए हैं जिसमें श्रद्धालुओं के लिए कई सुविधाएं मुखिया कराई गई है।
महाकालेश्वर मंदिर परिसर में पहले चरण का कार्य 351 करोड़ रुपए की लागत से पूर्ण हुआ था। 11 अक्टूबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकाल लोक का उद्घाटन करते हुए पहले चरण के कार्य के जरिए मंदिर को भव्यता देने का प्रयास किया। महाकालेश्वर मंदिर समिति के अध्यक्ष और कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम के मुताबिक दूसरे चरण में 242 करोड़ रुपए की राशि खर्च हुई है। इसके जरिए नीलकंठ क्षेत्र में विकास कार्य किए गए हैं, जबकि मंदिर परिसर में शक्तिपथ, अन्न क्षेत्र, महाराज वाड़ा परिसर, रुद्र सागर का विकास किया गया है। इसी तरह सबसे महत्वपूर्ण महाकालेश्वर शिखर दर्शन की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है ताकि मंदिर आने वाले भक्तों को शिखर दर्शन भी हो सके।
बहुत कुछ बदल गया महाकाल मंदिर में
’महाकालेश्वर मंदिर में नीलकंठ मार्ग विकास योजना के तहत पूर्व दिशा की ओर से प्रवेश मार्ग का निर्माण कराया गया है।
’म्यूरल वॉल के जरिए उज्जैन के प्राकृतिक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को बताया है।
’नीलकंठ वन क्षेत्र का भी विकास किया गया है।
’श्रद्धालुओं के आराम के लिए पथ, ग्रास, लॉन, सुलभ शौचालय आदि का निर्माण किया गया।
’मंदिर समिति द्वारा अन्न क्षेत्र का निर्माण कराया, जहां पर 50000 श्रद्धालुओं को प्रतिदिन भोजन कराया जाएगा।
’महाराज वाड़ा परिसर को हेरिटेज होटल के रूप में परिवर्तित किया गया है।
’प्रवचन हाल, फूड कोड सहित अन्य सुविधाएं जुटाई गई हैं। रुद्र सागर के जीर्णोद्धार पर भी 21 करोड़ रुपए की राशि खर्च की गई है।
’रुद्र सागर के जलस्तर में सुधार, पानी की गुणवत्ता, पौधारोपण, लैंडस्कैपिंग, मनोरंजन क्षेत्र आदि विकसित किया गया है।
’महाकाल तपोवन सहित ध्यान कुटिया और विश्राम के लिए सुसज्जित जगह विकसित की गई है।