सुप्रीम कोर्ट द्वारा अपने फैसले में अयोध्या में दी गई पांच एकड़ जमीन पर प्रस्तावित ‘मस्जिद-ए-अयोध्या’ की डिजाइन अब बदल गया है। पहले डिजाइन सामान्य तौर पर भारत में बनने वाली मस्जिदों की तरह थी, लेकिन अब मस्जिद ट्रस्ट ने डिजाइन में बदलाव करने और मध्य पूर्व और अरब देशों में बनने वाली भव्य मस्जिदों की तर्ज पर मस्जिद बनाने का फैसला किया है।
ट्रस्ट से जुड़े सूत्रों ने इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन, अयोध्या मस्जिद ट्रस्ट के अध्यक्ष जुफर फारुकी के हवाले से कहा कि पुणे स्थित वास्तुविद् द्वारा तैयार की गई डिजाइन को गुरुवार को मुंबई में आयोजित एक बैठक में अंतिम रूप दिया गया। यह मस्जिद पिछली डिजाइन के आकार में बड़ी होगी, जो अधिक जगह में बनेगी। फारूकी ने कहा कि हम तीन सौ बिस्तरों वाला एक धर्मार्थ कैंसर अस्पताल बनाएंगे, अंतर्राष्ट्रीय फार्मा कंपनी वॉकहार्ट ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. हाबिल खोराकीवाला ने धर्मार्थ आधार पर अस्पताल स्थापित करने और चलाने पर सहमति व्यक्त की है।
राज्यों में फंड जुटाने का अभियान शुरू- कुछ महीनों से मस्जिद ट्रस्ट ने उत्तरप्रदेश को छोड़कर देश के विभिन्न राज्यों में फंड जुटाने का अभियान शुरू किया है। फारूकी ने कहा कि हम जल्द ही अयोध्या में एक भव्य मस्जिद का निर्माण शुरू करेंगे।
हालांकि प्रस्तावित मस्जिद और अस्पताल का नक्शा अभी भी अयोध्या विकास प्राधिकरण के पास है, क्योंकि प्राधिकरण से नक्शा जारी कराने के लिए मस्जिद ट्रस्ट को विकास शुल्क के रूप में प्राधिकरण को शुरुआत में एक करोड़ रुपए का भुगतान करना होगा। उत्तरप्रदेश राज्य सरकार ने मस्जिद और अस्पताल के निर्माण के संबंध में सभी आवश्यक एनओसी दे दी है।