शहर में सोमवार को महानवमी पूर्ण श्रद्धाभाव से मनाई जा रही है। उपवास रख मां दुर्गा के पावन चरणों में पूजा-अर्चना करने वाले साधकों की सुबह से ही मंदिरों में भीड़ उमड़ रही है। सुबह से ही मां दुर्गा के दर्शन करने और उन्हें हलवा, पूरी, चने का भोग लगाने के लिए बड़ी संख्या में भक्त मंदिरों में पहुंचे। मंदिरों के अलावा घर और सजे पंडालों में भी कन्या पूजन का सिलसिला शुरू हो गया था। इसके साथ आज से गरबों की गूंज थम जाएगी। प्राचीन काल से मान्यता चल रही है कि जो साधक नवरात्र का व्रत कर अष्टमी या नवमी के दिन कन्याओं की पूजा कर उन्हें श्रद्धा पूर्वक भोजन करवाते हैं, उन पर मां भगवती की कृपा बरसती हैं व मातारानी उनकी पूजा-अर्चना, उपवास को सफल बनाती हैं। शहर के काली मंदिर, माता मंदिर, कर्फ्यू वाली माता का मंदिर, रायसेन रोड कंकाली मंदिर सहित अन्य मंदिरों में भक्तों का तांता लगा है।
महानवमी पर कन्या पूजन का महत्व
नवरात्र पर्व के नौवें दिन कन्या पूजन किया जाता है। इस दिन कन्याओं को देवी का स्वरुप मानकर पूजा की जाती है। नवमी तिथि के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। कहते हैं नवमी तिथि के दिन कन्याओं का पूजन करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। देवी मंदिरों में कन्याभोज व भंडारे होंगे।
श्रवण नक्षत्र के साथ गजकेसरी योग
महानवमी तिथि का आरंभ 22 अक्टूबर को रात में आठ बजे से हो गया। 23 अक्टूबर को उदया तिथि में नवमी तिथि होने से महानवमी का कन्या पूजन सोमवार 23 अक्टूबर को किया जा रहा है। 23 अक्टूबर के दिन शाम में 5:45 मिनट तक नवमी तिथि रहेगी। इस दिन श्रवण नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है। साथ ही चंद्रमा का संचार मकर राशि में होगा और गुरु मेष राशि में रहेंगे, जिससे गजकेसरी योग का निर्माण हो रहा है।
आचार संहिता लगने के बाद प्रदेश में सांस्कृतिक आयोजनों का सिलसिला भी थम गया है। प्रदेश का सबसे बड़ा और भव्य आयोजन 1 नवंबर को मध्यप्रदेश के स्थापना दिवस पर लाल परेड ग्राउंड पर आयोजित किया जाता रहा है। इस बार इसे स्थगित कर दिया गया है। भोपाल में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय स्तर की रामलीला का आयोजन भी इस बार नहीं हो सका। स्थापना दिवस पर पहले विभाग आचार संहिता में भी लाल परेड ग्राउंड की जगह रवीन्द्र भवन में आयोजित करता रहा है, लेकिन इस बार रवीन्द्र भवन में इसे आयोजित नहीं किया जा सका। इधर संस्कृति विभाग हर वर्ष कला पंचांग जारी कर उसी के अनुसार प्रदेशभर में कार्यक्रमों का आयोजन करता है। नवरात्र, शरद पूर्णिमा से लेकर दीपावली तक त्योहार के दौरान प्रदेश में 10 से ज्यादा सांस्कृतिक आयोजन किए जाते हैं जोकि इस बार नहीं होंगे। अधिकारियों का कहना है कि भोपाल में हर साल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रामलीला का आयोजन किया जाता रहा है, इस बार ये 17 से 23 अक्टूबर तक प्रस्तावित थी, वहीं परासिया में भी 22 से 24 अक्टूबर तक श्रीराललीला उत्सव होना था, जो अब नहीं हो पाएगा। इस तरह ग्वालियर में होने वाला मप्र नृत्य समारोह, शौर्य स्मारक वर्षगांठ समारोह, गुना, मैहर, नलखेड़ा, बुरहानपुर और सलकनपुर में शक्ति पर्व नहीं हो पाए। इस बीच कांग्रेस ने संस्कृति विभाग के डायरेक्टर अदिति त्रिपाठी की चुनाव आयोग में शिकायत की है। शिकायत कर चुनाव प्रभावित होने की आशंका जताते हुए इन्हें पद से हटाने की मांग की गई है।