आजम खान के परिवार के खिलाफ दो जन्म प्रमाण पत्र का मामला भाजपा विधायक आकाश सक्सेना की ओर से गंज कोतवाली में तीन जनवरी 2019 को दर्ज कराया गया था। आरोप लगाए गए थे कि आजम ने बेटे के अलग-अलग जन्मतिथि से दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाए हैं। इसमें एक जन्म प्रमाण पत्र रामपुर नगर पालिका से बना है जबकि दूसरा लखनऊ से बना है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान, उनके बेटे और अब्दुल्ला और पत्नी को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। रामपुर (एमपी-एमएलए) कोर्ट ने बुधवार को ऐतिहासिक आदेश सुनाते हुए आजम खान, उनकी तंजीम फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को सात-सात साल की सजा सुनाई है। आइए जानते हैं आजम और उनके परिवार को क्यों सजा सुनाई गई, क्या है पूरा मामला?
- आजम खान के परिवार के खिलाफ दो जन्म प्रमाण पत्र का मामला भाजपा विधायक आकाश सक्सेना की ओर से गंज कोतवाली में तीन जनवरी 2019 को दर्ज कराया गया था।
- आरोप लगाए गए थे कि आजम ने बेटे के अलग-अलग जन्मतिथि से दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाए हैं। इसमें एक जन्म प्रमाण पत्र रामपुर नगर पालिका से बना है, जबकि दूसरा लखनऊ से बना है।
- इस मुकदमे में आजम खान के अलावा उनके बेटे अब्दुल्ला और पत्नी पूर्व सांसद डॉ. तंजीम फातिमा भी नामजद थीं।
- मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में चल रही थी। दोनों ओर से गवाही पूरी होने के बाद अदालत ने इस मामले में 18 अक्टूबर फैसले के लिए नियत की थी।
- इससे बचने के लिए आजम खान सुप्रीम कोर्ट भी गए थे, जहां उन्होंने अपने अधिवक्ता के माध्यम से मुकदमा ट्रांसफर अर्जी दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट में उनकी अर्जी खारिज कर दी थी।
पूर्व डीजीसी-क्राइम अरुण सक्सेना ने जानकारी देते हुए बताया, ”अदालत ने आजम खान, उनकी पत्नी तंजीम फातिमा और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान को दोषी ठहराते हुए तीनों को सात साल की सजा सुनाई है और 15,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है।”