विधानसभा चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार तय सीमा से ज्यादा खर्च नहीं कर सकेंगे। इसके लिए खर्च सीमा तय कर दी है। वे अधिकतम 40 लाख रुपए खर्च कर सकेंगे। प्रत्याशियों के खर्चों पर निगरानी रखी जाएगी।
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त व्यय प्रेक्षकगण प्रवीण कतारकी, आलोक श्रीवास्तव, मेरूगु सुरेश, रणविजय कुमार तथा अमित संजय गुरव रविवार को कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने व्यय लेखा टीम और निगरानी दलों के साथ बैठक की। बैठक में उन्होंने विधानसभा निर्वाचन के दौरान की जा रही व्यवस्थाओं और तैयारियों की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान उन्होंने जिले में की जा रही व्यवस्थाओं और तैयारियों पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इंदौर में विधानसभा निर्वाचन के लिए बहुत अच्छी व्यवस्थाएं और तैयारी है। जिले में निर्वाचन आयोग की मंशा के अनुरूप चाक-चौबंद व्यवस्थाएं की गई हैं। बैठक में कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. इलैयाराजा टी, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सिद्धार्थ जैन, अपर कलेक्टर गौरव बेनल, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण सुनील मेहता, उप जिला निर्वाचन अधिकारी और अपर कलेक्टर राजेन्द्र रघुवंशी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
एकल खिड़की और शिकायत
निवारण प्रकोष्ठ का निरीक्षण
व्यय प्रेक्षकों ने कलेक्टर कार्यालय के भ्रमण के दौरान निर्वाचन के मद्देनजर जारी की जाने वाली अनुमतियों के लिए बनाई गई एकल खिड़की और शिकायतों के निवारण के लिए गठित कंट्रोल रूम का निरीक्षण किया। इस दौरान कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. इलैयाराजा टी, जिला पंचायत के सीईओ सिद्धार्थ जैन, अपर कलेक्टर गौरव बेनल तथा अपर कलेक्टर रोशन राय, एडीएम सपना लोवंशी सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे। व्यय प्रेक्षकगणों ने शिकायत निवारण प्रकोष्ठ और एकल खिड़की व्यवस्था को देखा और कार्यप्रणाली के संबंध मे जानकारी ली। इसके पश्चात उन्होंने व्यय लेखा दल के कार्यों को भी देखा।