हिन्दुस्तान मेल, भोपाल
भोपाल मेट्रो के फाइनल ट्रायल रन के बाद अब ट्रेन बिना पैसेंजर के ट्रैक पर दौड़ेगी। मेट्रो को 2 हजार किलोमीटर चलाकर ट्रैक और ट्रेन दोनों की फिटनेस देखी जाएगी। बुधवार को भी ट्रैक पर मेट्रो चलाई गई। हालांकि, अभी सुभाष नगर से रानी कमलापति स्टेशन के बीच ही मेट्रो चलेगी। उधर, नवंबर में 3 कोच और आएंगे। इन्हें भी बारी-बारी से चलाकर देखा जाएगा।
मेट्रो कॉर्पोरेशन के अफसरों ने बताया कि ट्रैक और ट्रेन की फिटनेस जांचने के लिए मेट्रो को कम से कम 2 हजार किलोमीटर चलाया जाता है। इसलिए ट्रायल रन के बाद अब मेट्रो को लगातार ट्रैक पर चलाया जाएगा। ऐसा शेष 26 ट्रेन (प्रत्येक में 3 कोच) के लिए भी करेंगे। नवंबर में 3 कोच की एक ट्रेन भोपाल आ जाएगी। इसके बाद हर 20-25 दिन में कोच भोपाल पहुंचने लगेंगे। 3 अक्टूबर को भोपाल में मेट्रो के फाइनल ट्रायल रन को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हरी झंडी दिखाई थी। इसके बाद वे ट्रेन में सवार भी हुए थे।
5 स्टेशन के सिविल वर्क कम्पलीट, फिनिशिंग बाकी
मेट्रो का फाइनल ट्रायल रन 3 अक्टूबर को हुआ था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुभाष नगर से रानी कमलापति स्टेशन तक मेट्रो में सफर भी किया। उन्होंने अगले साल मई-जून तक आम लोगों के लिए ट्रेन चलाने की बात कही है। ऐसे में बाकी बचे कामों को तय डेटलाइन में पूरा करने की मेट्रो कॉर्पोरेशन के लिए चुनौती है।
प्रायोरिटी कॉरिडोर के 5 स्टेशन- सुभाष नगर, केंद्रीय स्कूल, डीबी मॉल, एमपी नगर और रानी कमलापति में से अभी सिर्फ सुभाष नगर स्टेशन का काम ही 95 प्रतिशत तक पूरा हुआ है। बाकी स्टेशनों पर फिनिशिंग के काम बचे हैं, इसलिए इन्हें सबसे पहले निपटाने की बात कही जा रही है।