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जब विपत्तियों में लोग सुरक्षित जगह खोजते हैं, तब पत्रकार तलाशते हैं समाधान : सीएम

हिन्दुस्तान मेल, इंदौर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पत्रकार समाज और सरकार के मध्य सेतु की भूमिका निभाते हैं। पत्रकार समाज के अंतिम पंक्ति के व्यक्ति की आवाज होते हैं। पत्रकारिता एक धर्म है, जिसके निर्वहन के लिए पत्रकार युद्ध, बाढ़, भूकम्प जैसी विपरीत स्थितियों में भी जीवन दांव पर लगाकर कार्य करते हैं। जब विपत्तियों में लोग सुरक्षित स्थान खोजते हैं, तब पत्रकार समाधान खोजते हैं। मुख्यमंत्री ने यह बात भोपाल में स्टेट मीडिया सेंटर के भूमिपूजन के मौके पर कही। उन्होंने पत्रकारों के कल्याण और छोटे समाचार पत्रों के लिए महत्वपूर्ण घोषणाएं भी कीं।
भोपाल में मंगलवार को आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने भोपाल के मालवीय नगर में बनने वाले आधुनिक और देश के अनूठे स्टेट मीडिया सेंटर की आधारशिला रखी और भूमिपूजन किया। समारोह में बड़ी संख्या में प्रदेशभर के पत्रकार व मीडियाकर्मियों ने भागीदारी दर्ज करवाई। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि स्टेट मीडिया सेंटर के रूप में भविष्य के ऐसे वृट वृक्ष के बीज रोपे जा रहे हैं, जिनसे अनुभवों की शाखाओं पर अनंत आशाएं साकार होंगी। भव्य समारोह में प्रदेश के जनसंपर्क मंत्री राजेंद्र शुक्ला और आयुक्त जनसंपर्क मनीष सिंह भी मौजूद थे।
70 वर्ष से अधिक आयु के पत्रकारों को मिलेगा स्थायी अधिमान्यता कार्ड- मुख्यमंत्री चौहान ने पत्रकार और मीडियाकर्मियों के साथ ही छोटे समाचार पत्रों के लिए भी राहतभरी घोषणाएं की। मुख्यमंत्री ने कहा कि लघु समाचार पत्रों को एक माह के अंतराल से विज्ञापन जारी किए जाएंगे। इसके अलावा उन्होंने 70 वर्ष से अधिक आयु के पत्रकारों को स्थायी अधिमान्यता कार्ड प्रदान करने की घोषणा भी की। उन्होंने यह भी ऐलान किया कि हर साल पांच महिला पत्रकारों को महिला विकास कार्यों पर अध्ययन के लिए फैलोशिप प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पत्रकार समाज को प्राप्त वो आश्वासन है, जिनके होने से सुनवाई सुनिश्चित है। राष्ट्र निर्माण में पत्रकारों के स्याही का अमूल्य योगदान है। उन्होंने आगे जोड़ा कि पत्रकार और पत्रकारिता लोकतंत्र के प्राण हैं। मध्यप्रदेश की भूमि से पं. माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता के पुरोधा बने। इसी धरती पर हरिशंकर परसाई जैसे व्यंग्यकार हुए जिन्होंने समाज को आईना दिखाने का कार्य किया। स्व. वेदप्रताप वैदिक ने हिंदी की प्रतिष्ठा के लिए कार्य किया। स्व. प्रभाष जोशी ने नई भाषा दी। एक दौर था जब स्वतंत्रता आंदोलन में पत्रकारों ने भागीदारी की और परतंत्रता की बेड़ियां तोड़ने का कार्य किया। आपातकाल के खिलाफ भी पत्रकार लड़े। कोविड के कठिन दौर में पत्रकारों ने अपना दायित्व निभाया। पत्रकार समाजसेवी भी होते हैं, उनका सरोकारों से ऐसा रिश्ता होता है, जैसे शरीर और आत्मा का रिश्ता।
मीडिया सेंटर बनेगा पत्रकारिता के छात्रों का गुरुकुल – मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आज इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया के दौर में कहीं-कहीं विश्वसनीयता का संकट देखने को मिलता है। संवाद, संचार और सम्पर्क पत्रकारिता के प्राण होते हैं। मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि स्टेट मीडिया सेंटर इन पत्रकारों के संवाद, खबरों के संचार और हमारे सम्पर्क का केन्द्र बनेगा। यह केन्द्र पत्रकारिता के छात्रों का गुरुकुल बनेगा। यह केन्द्र वरिष्ठों के अनुभवों और युवाओं की ऊर्जा का उपयोग करेगा। साथ ही पुराने घर की स्मृतियां भी संजोएगा।
पत्रकारों को भूखंड देने की चल रही कार्यवाही : शुक्ल – जनसंपर्क मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि स्टेट मीडिया सेंटर के शिलान्यास में प्रदेशभर से पत्रकार आए हैं। पत्रकार लोकतंत्र को वरदान बनाने का कार्य करते हैं। उन्हें मूलभूत सुविधाएं प्राप्त होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान ने पत्रकारों के लिए भी स्वास्थ्य बीमा योजना लागू की जिससे अनेक परिवारों को राहत मिली। गत 7 सितंबर को मुख्यमंत्री निवास में पत्रकार समागम में स्टेट मीडिया सेंटर प्रारंभ करने के साथ पत्रकारों को जिला स्तर पर भूखंड प्रदान करने की घोषणा की थी। जिलों में पत्रकारों को भूखंड प्रदान करने के लिए आवश्यक कार्यवाही भी प्रारंभ हो गई है। जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों को भी लंबे समय से उच्च पद के प्रभार के लिए पात्र अधिकारियों और नए सहायक संचालकों को लंबित वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाएगा।
वरिष्ठ पत्रकारों को दी सम्मान निधि – मुख्यमंत्री चौहान ने स्टेट मीडिया सेंटर के शिलान्यास समारोह में प्रदेश के 10 वरिष्ठ पत्रकारों को बढ़ी हुई सम्मान निधि प्रतीक स्वरूप प्रदान की। उल्लेखनीय है कि प्रतिमाह 10,000 के स्थान पर अब 20,000 की राशि का भुगतान सम्मान निधि के अंतर्गत जनसंपर्क विभाग द्वारा किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने जिन वरिष्ठ पत्रकारों को सम्मान निधि प्रदान की, उनमें विजयदत्त श्रीधर भोपाल, ओमप्रकाश फरक्या इंदौर, परमानंद तिवारी जबलपुर, देव श्रीमाली ग्वालियर, अंजनीकुमार शास्त्री रीवा, राजेंद्र पुरोहित उज्जैन, सिद्ध गोपाल तिवारी सागर, कमलेश सिंह परिहार चंबल, पंकज पटेरिया नर्मदापुरम और रामावतार गुप्ता शहडोल शामिल हैं।

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