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शिवराज के मंत्री कैलाश सारंग का बड़ा दावाभाजपा के संपर्क में हैं कांग्रेस के 15 से 20 विधायक

हिन्दुस्तान मेल, भोपाल
मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनावों में अब महज 2 महीने का समय ही शेष है। दल-बदल की राजनीति भी इन दिनों मप्र में जमकर चल रही है। कभी कांग्रेस के नेता बीजेपी ज्वाइन कर रहे हैं तो कभी बीजेपी के नेता कांग्रेस का दामन थाम रहे हैं। इन दल बदल की राजनीति के बीच मध्यप्रदेश शासन के उच्च चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग का बड़ा बयान आया है। मंत्री सारंग ने दावा किया है कि कांग्रेस के 15 से 20 विधायक बीजेपी के संपर्क में है, लेकिन हम उन्हें ज्वाइन कराना नहीं चाहते हैं। मंत्री सारंग ने पीसीसी चीफ कमलनाथ के बयानों पर भी पलटवार किया है।
जब मीडिया उच्च चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग से सवाल किया कि बीजेपी के लोग कांग्रेस में जा रहे हैं, इसका जवाब देते हुए उच्च चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा कि कांग्रेस के लोग तो बीजेपी में आ रहे हैं, हम ले नहीं रहे हैं। 15 से 20 विधायक ऐसे हैं कांग्रेस के जो बीजेपी ज्वाइन करना चाहते हैं पर हम ज्वाइन नहीं करा रहे।
कमलनाथ के बयान पर पलटवार
उच्च चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने पीसीसी चीफ व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बयानों पर भी पलटवार किया है। मंत्री सारंग ने कहा कि कांग्रेस का जो मूल कार्यकर्ता है उसकी कांग्रेस में इज्जत नहीं है। यदि आयातित और इम्पोर्ट किए नेताओं के भरोसे कांग्रेस चुनाव लड़ना चाहती है तो आप समझ सकते हैं कि कांग्रेस की स्थिति क्या होगी। पूर्व मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने आज सुबह भारतीय जनता पार्टी पर तंस कसते हुए ट्वीट किया था कि मध्यप्रदेश में बीजेपी पूरी तरह से हताश हो गई है। बीजेपी अब न तो कनिष्ठों को तवज्जों दे रही है और न ही वरिष्ठ को। उन्होंने लिखा कि मध्यप्रदेश से अब बीजेपी का विदाई का समय आ गया है। बीजेपी के वरिष्ठ नेतागण अपने साक्षात्कारों में उनकी अपनी ही पार्टी द्वारा अपनी अवहेलना, उपेक्षा और अपमान की सरेआम बात कर रहे हैं। उससे साबित हो गया है कि कांग्रेस के प्रति जन-समर्थन देखकर बीजेपी पहले ही हताश हो चुकी है और दिखावटी चुनाव लड़ रही है, इसीलिए न उसके पास रणनीति है न सेनापति। इसीलिए न वो वरिष्ठों को महत्व दे रही है न कनिष्ठों को। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा कि बीजेपी दिल्ली से ही मप्र का चुनाव संचालित करके दिखा रही है कि उसे न तो मप्र के नेतृत्व पर विश्वास है, न नेताओं और संगठन पर। पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा था कि बीजेपी की सामूहिक विदाई का समय आ गया है।

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