सनातन सभी धर्म का मूल है। सभी का पिता है। जितने भी धर्म निकले हैं, सब सनातन धर्म से ही निकले हैं। उस सनातन धर्म की छत्रछाया में हम सब बैठे हैं। जीवन में जब दु:ख की घड़ी आती है, कोई संकट आता है, तब-तब सनातन धर्म हमारे साथ खड़ा होता है। यह कहना है कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा का। वे सोमवार को एक दिन की शिव चर्चा के लिए इंदौर आए थे। इस दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने सनातन की डेंगू, मलेरिया और कोरोना से तुलना करने वालों को भी जवाब दिया। इंडिया बनाम भारत, वर्तमान राजनीति और राजनीति में संत समाज की हिस्सेदारी पर भी उन्होंने बेबाकी से अपनी बात रखी।
तो वो भी कोरोना की ही औलाद हैं… पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि जो लोग सनातन धर्म को कोरोना, डेंगू या मलेरिया कह रहे हैं… तो पहले उनसे उनके पिताजी का, उनकी माताजी, उनके दादा-परदादा का नाम पूछा जाए। वो पूर्व में क्या रहे हैं? वो भी तो सनातनी ही हैं। अगर वो सनातन को कोरोना कह रहे हैं, तो वो भी कोरोना की ही औलाद हैं। ये तो उन पर निर्भर करता है कि वे अपने पूर्वजों को किस ओर लेकर जाएंगे। -पेज 5 भी देखें।