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ओडिशा में 2 घंटे में 61 हजार बार बिजली गिरी, 12 की मौत

ओडिशा में सबको हैरान कर देने वाली घटना हुई है। यहां पर लगभग दो घंटे में 61,000 बार आकाशीय बिजली गिरने से 12 लोगों की मौत हो गई और 14 घायल हो गए। बिजली गिरने से मारे गए लोगों के लिए चार लाख रुपए मुआवजे का ऐलान किया गया है, वहीं ओडिशा में मौसम खराब है। मौसम विभाग (आईएमडी) ने 7 सितंबर तक राज्य में चरम मौसम की स्थिति की चेतावनी जारी की है। बंगाल की खाड़ी के ऊपर सक्रिय एक चक्रवाती परिसंचरण अगले 48 घंटों में कम दबाव वाले क्षेत्र में बदल सकता है और इसके प्रभाव में पूरे ओडिशा में व्यापक वर्षा होने की संभावना है। आईएमडी के बुलेटिन के अनुसार, सप्ताह के अंत में बारिश की तीव्रता बढ़ने की संभावना है।
विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) सत्यब्रत साहू ने कहा कि ओडिशा में एक के बाद एक 61,000 बार बिजली गिरी। आईएमडी ने कहा कि इस तरह की घटनाएं आगे भी हो सकती हैं। 7 सितंबर तक अधिकांश जिलों में भारी बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।
ओडिशा में कहां कितनों की मौत- एसआरसी ने कहा कि बिजली गिरने से मारे गए लोगों में से चार खुर्दा जिले से, दो बलांगीर से और एक-एक अंगुल, बौध, ढेंकनाल, गजपति, जगतसिंहपुर और पुरी से थे। एसआरसी ने कहा कि इसके अलावा गजपति और कंधमाल जिलों में बिजली गिरने से आठ मवेशियों की भी मौत हो गई। साहू ने कहा कि प्रत्येक शोकसंतप्त परिवार को 4 लाख रुपए की अनुग्रह राशि दी जाएगी।
कैसे गिरती है बिजली- मौसम वैज्ञानिकों ने कहा कि यह असामान्य और अत्यधिक बिजली गिरने की गतिविधियां तब होती हैं, जब मानसून लंबे अंतराल के बाद सामान्य स्थिति में लौटता है। उन्होंने कहा कि ठंडी और गर्म हवा के द्रव्यमान का टकराव इस तरह की अभूतपूर्व बिजली गिरने की घटनाओं के लिए सही परिस्थितियां पैदा करता है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार तक अगले 48 घंटों में उत्तर ओडिशा के कुछ हिस्सों में भारी बारिश की भविष्यवाणी की है।
48 घंटे ओडिशा के लिए संकट भरे- आईएमडी भुवनेश्वर के वरिष्ठ वैज्ञानिक उमाशंकर दास ने कहा कि अगले 48 घंटों में व्यापक वर्षा हो सकती है। उत्तरी ओडिशा के कुछ हिस्सों में गरज के साथ बौछारें और बिजली गिरने की भी संभावना है। पांच जिलों में ढेंकनाल, अंगुल, कालाहांडी, बौध और कंधमाल में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। लोगों को बिजली गिरने और आंधी-तूफान के दौरान सुरक्षित आश्रय लेने की चेतावनी दी गई है। लोगों को पेड़ों और जल निकायों से दूर रहना चाहिए।

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