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इतनी यहां से ले लो… बाकी बाहर से खरीद लेना!हमीदिया में दवाओं का टोटा, परेशान होते हैं मरीज

शहर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल हमीदिया में मरीजों को लगातार दवाइयां नहीं मिल पा रही हैं। आलम यह है कि यहां के नि:शुल्क दवा काउंटर से हर दूसरे व्यक्ति को एक-न-एक दवा बाहर के मेडिकल से खरीदने को कहा जा रहा है। बता दें कि पिछले करीब एक सप्ताह से कई तरह की सामान्य दवाओं के लिए मरीजों को बाहर के मेडिकल स्टोर से लेनी पड़ रही हैं।
अस्पताल के दवा काउंटर पर हर रोज 2 हजार से से ज्यादा मरीज दवा लेने के लिए पहुंचते हैं। हमीदिया अस्पताल के अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक दर्द की दवाओं में शामिल डाइक्लोफैनिक 50 के अलावा पेनटॉप 40 और डाईजेपाम समेत ऐसी ही दवाएं, जो यहां के डॉक्टर हर रोज मरीजों को लिख रहे हैं, लेकिन ये दवाएं यहां उपलब्ध नहीं हैं। ऐसे में काउंटर से इन्हें छोड़कर दूसरी दवाएं तो दी जा रही हैं, लेकिन इन दवाओं को मेडिकल से खरीदने की सलाह देकर चलता कर दिया जाता है। मरीजों को मजबूरन प्राइवेट मेडिकल से इन दवाओं की खरीदी करनी पड़ रही है।
पेशे से टीचर शाहिद ने बताया कि उनके घुटने कुछ परेशानी है, जिसकी वजह से उन्हें कई बार अस्पताल आना पड़ता है। जब भी आता हूं… कई बार दवा की शॉर्टेज की वजह से मुझे दवा नहीं मिल पाती है। कोई-न-कोई दवा रह ही जाती है। आज मुझे जो दवा लिखी है, वह अब मैंने बाहर से ली है। महंगी तो नहीं थी, मगर तब भी कई बार परेशान होना पड़ता है।
घबराट की गोली नहीं, दिमागी मरीज भी परेशान – यहां आने वाले नारायण ने बताया कि मेरी पत्नी को मैं यहां दिमाग के डॉक्टर को दिखाता हूं। उन्हें दिमाग से संबंधित कई तरह की दिक्कतें हैं। यहां से उन्हें दवा दी जाती है, मगर कई बार यहां कुछ दवाएं नहीं मिलती हैं, जैसे- आज यहां डाईजेपाम नहीं मिली। यह उनको घबराहट होने पर देते हैं। अब यह खरीदने हम बाहर जा रहे हैं, वहीं मेडिकल स्टोर से लेंगे।

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