पटवारी परीक्षा में कथित घोटाले की जांच रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है। यह रिपोर्ट 31 अगस्त को आनी थी। दूसरी तरफ मध्यप्रदेश में चुनावी माहौल भी चल रहा है आचार संहिता भी लग जाएगी। ऐसे में रिपोर्ट में देरी के चलते कहीं न कहीं 8 हजार से अधिक चयनित उम्मीदवारों का भविष्य अधर में लटक गया है। इस मामले में चयनित अभ्यर्थियों का कहना है कि इसमें हमारी क्या गलती है। हम जबरदस्ती इस मामले में पिस रहे हैं।
दरअसल, रविवार को भोपाल के नीलम पार्क के अलावा शहर की सड़कों पर चयनित पटवारियों ने पैदल मार्च भी निकाला था। रविवार को चयनित पटवारी बड़ी संख्या में भोपाल पहुंचे। इनकी प्रमुख मांग नौकरी जॉइन कराने की है। उल्लेखनीय है कि पटवारी भर्ती परीक्षा 2022 के रिजल्ट में टॉप 10 स्टूडेंट की जो सूची जारी हुई तो उसमें एक ही सेंटर के 7 छात्र इसमें शामिल थे। जिसके बाद मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता गौरव त्रिपाठी ने मामले की शिकायत कर्मचारी चयन मंडल को की। उन्होंने इसमें गड़बड़ी होने की बात भी लिखी। उन्होंने अपनी शिकायत में लिखा कि टॉप 10 में से 7 अभ्यर्थी ग्वालियर के एनआरआई कॉलेज से हैं।
मुरैना के एक अभ्यर्थी का कहना था कि मेरा चयन ग्रुप फोर में हुआ है। संदेह के आधार पर हमारी नियुक्ति रोक दी गई है। हमारी ईमानदारी का फल हमें नहीं मिल पा रहा है। हमारा दोष क्या है यह समझ नहीं आ रहा है। सरकार क्या करना चाह रही है। यह समझ नहीं आ रहा है। वहीं एक अन्य अभ्यर्थी ने कहा हम सरकार को बस इतना कहना चाहते हैं कि कुछ गलत हुआ भी है। तो वह कार्रवाई करे। लेकिन हमें इस तरह की सजा नहीं दी जाए। मैंने पांच साल बहुत मेहनत की है। मैं पांच साल तक मेहनत करके परीक्षा पास की है। बस हमें बता दें कि हमारी गलती क्या है।
लगातार भोपाल के चक्कर काट रहे
कुछ प्रतिभागियों का कहना था कि हम लगातार भोपाल के चक्कर काट रहे हैं। सरकार से हम यही कहना चाहते हैं कि न्याय कीजिए और न्याय होना भी चाहिए, जो दोषी हैं उन पर कार्रवाई भी होनी चाहिए। मगर जिन्होंने पढ़ाई की है, उनके साथ ऐसा नहीं किया जाए।
हाईकोर्ट के रिटायर जस्टिस कर रहे जांच
इस मामले की जांच हाईकोर्ट के रिटायर जस्टिस राजेंद्र कुमार वर्मा कर रहे हैं। वह 31 अगस्त को रिपोर्ट सौंपने वाले थे। मामले में अभी तक किसी प्रकार की कोई रिपोर्ट भी सौंपी नहीं गई है। दूसरी तरफ कर्मचारी चयन मंडल बोर्ड भी इस बारे में बात करने को तैयार नहीं है।
19 जुलाई को जांच की बात कही
इस मामले में 19 जुलाई को मुख्यमंत्री ट्वीट करके जांच की बात की जानकारी दी। सीएम ने कहा, जब तक संदेह समाप्त नहीं होगा नियुक्ति नहीं होगी। सीएम ने ट्वीट कर लिखा- कर्मचारी चयन मंडल के माध्यम से आयोजित ग्रुप-2 , सब ग्रुप-4 और पटवारी भर्ती परीक्षा की जांच के लिये उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधिपति राजेन्द्र कुमार वर्मा को नियुक्त किया गया है। जांच में इस परीक्षा से संबंधित शिकायतों और जांच के दौरान सभी बिंदुओं पर भी जांच की जाए।