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Parliament: मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव गिरा, अधीर रंजन लोकसभा से निलंबित; PM ने विपक्ष को लताड़ा

नई दिल्ली, एजेंसी। मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों का लाया अविश्वास प्रस्ताव गुरुवार यानि 10 अगस्त को गिर गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंत में अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब दिया। मोदी ने 2 घंटे 12 मिनट का भाषण दिया, जिसमें वे मणिपुर पर 1 घंटे 32 मिनट बाद बोले। बड़ी बात ये कि जब प्रधानमंत्री ने मणिपुर पर बात शुरू की, उसके पहले ही विपक्ष सदन से वॉकआउट कर चुका था। पीएम ने ये भी कहा- यूपीए को लगता है कि देश के नाम का इस्तेमाल कर विश्वसनीयता बढ़ाई जा सकती है। ये इंडिया गठबंधन नहीं है। ये घमंडिया गठबंधन है। इसकी बरात में हर कोई दूल्हा बनना चाहता है। सबको प्रधानमंत्री बनना है। मैं भगवान का आशीर्वाद मानता हूं कि उन्होंने विपक्ष को सुझाया और वे इसका प्रस्ताव लेकर आए। 2018 में भी वे अविश्वास प्रस्ताव लाए थे। तब मैंने कहा था कि यह हमारी सरकार के लिए फ्लोर टेस्ट नहीं है। उन्हीं का फ्लोर टेस्ट है। हुआ भी वही। जब मतदान हुआ तो विपक्ष के पास जितने वोट थे, उतने भी जमा नहीं कर पाए थे।

एक तरह से विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव हमारे लिए शुभ होता है। एनडीए और बीजेपी 2024 के चुनाव में पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़कर जनता के आशीर्वाद से वापस आएगी। आप जुटे तो अविश्वास प्रस्ताव पर जुटे। कट्टर भ्रष्ट साथी की सलाह पर मजबूर होकर जुटे। इस अविश्वास प्रस्ताव पर भी आपने कैसी चर्चा की। सोशल मीडिया पर आपके दरबारी भी बहुत दु:खी हैं। मजा इस डिबेट का… फील्डिंग विपक्ष ने आॅर्गनाइज की, लेकिन चौके-छक्के यहीं से लगे। विपक्ष नो-कॉन्फिडेंस पर नो बॉल कर रहा है और इधर से सेंचुरी हो रही है। आप तैयारी करके क्यों नहीं आते जी! हमने युवाओं को घोटालों से रहित सरकार दी है। दुनिया में भारत की बिगड़ी हुई साख को संभाला है। अभी भी कुछ लोग कोशिश में हैं कि साख को दाग लग गए। विश्व का विश्वास भारत में बढ़ता चला जा रहा है। इस दौरान हमारे विपक्ष ने क्या किया? इन्होंने अविश्वास प्रस्ताव की आड़ में जनता के आत्मविश्वास को तोड़ने की विफल कोशिश की है। अविश्वास और घमंड इनकी रगों में रच-बस गया है। वे जनता के विश्वास को कभी देख नहीं पाते। ये जो शुतुरमुर्ग एप्रोच है, इसके लिए देश क्या कर सकता है?

मणिपुर समस्या के पीछे सिर्फ कांग्रेस की राजनीति
मेरे मंत्रिपरिषद् के मंत्री वहां 400 बार गए, मैं खुद 50 बार गया। ये साधना है, वहां के प्रति समर्पण है। मैं पिछले 9 साल के प्रयासों से कहता हूं कि हमारे लिए नॉर्थ-ईस्ट हमारे जिगर का टुकड़ा है। नॉर्थ-ईस्ट की समस्याओं की एकमात्र जननी कांग्रेस है। वहां के लोग नहीं, कांग्रेस की राजनीति जिम्मेदार है।

अधीर रंजन के सस्पेंशन पर
सोनिया ने बैठक बुलाई
अधीर रंजन के सस्पेंशन पर सोनिया ने 10:30 बजे बैठक बुलाई। कांग्रेस नेता ने राजा अंधा वाला बयान दिया था। संसद के मानसून सत्र का आज आखिरी दिन है। 10 अगस्त को चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने एक विवादित बयान दिया। अधीर ने कहा- जहां राजा अंधा, वहां द्रौपदी का चीरहरण होता है। उनके इस बयान के बाद संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने चौधरी को सस्पेंड करने का प्रस्ताव दिया, जिसे स्पीकर ने स्वीकार कर लिया। अधीर के सस्पेंशन को लेकर सीपीपी (कांग्रेस पार्लियामेंट्री पार्टी) अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज सुबह 10.30 बजे कांग्रेस के लोकसभा सांसदों की बैठक बुलाई है। यह मीटिंग संसद स्थित सीपीपी कार्यालय में रखी गई। लोकसभा में गुरुवार (10 अगस्त) को कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने मणिपुर हिंसा पर कहा- जहां राजा अंधा बैठा रहता है, वहां द्रौपदी का चीरहरण होता है… चाहे हस्तिनापुर में हो या फिर मणिपुर में हो, हस्तिनापुर और मणिपुर में कोई फर्क नहीं है। कांग्रेस नेता की इस टिप्पणी पर अमित शाह ने आपत्ति जताई। उन्होंने स्पीकर से कहा- पीएम के लिए ऐसे बयान देना गलत है। इन्हें कंट्रोल किया जाए। पीएम पर की गई इस टिप्पणी की वजह से अधीर रंजन चौधरी को लोकसभा से सस्पेंड कर दिया गया है। वे सदन से तब तक निलंबित रहेंगे, जब तक विशेषाधिकार समिति उनके खिलाफ अपनी रिपोर्ट पेश नहीं कर देती।

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