Chandrayaan 3 Live Tracking Telecast, Lander Vikram And Rover Pragyan News Live: चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल (एलएम) बुधवार शाम चंद्रमा की सतह पर उतरेगा। ऐसा होने पर भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा। सिर्फ भारतवर्ष ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया इस ऐतिहासिक पल का टकटकी लगाए इंतजार कर रही है। लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) से युक्त लैंडर मॉड्यूल शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर सॉफ्ट लैंडिंग कर सकता है।
Chandrayaan 3 landing: कहां-कैसे देख सकेंगे चंद्रयान की लैंडिंग
अंतरिक्ष जगत में भारत आज इतिहास रचने जा रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का मिशन चंद्रयान-3 आज शाम चंद्रमा की सतह पर ‘साफ्ट लैंडिंग’ करेगा। पूरी दुनिया इस पल का इंतजार कर रही है।
‘आखिरी 20 मिनट सबसे चुनौतीपूर्ण’………
ISRO के पूर्व अध्यक्ष जी. माधवन नायर, हर कोई इस महान आयोजन का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। जहां तक भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का सवाल है, यह ग्रहों की खोज के लिए सबसे महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होने जा रहा है… इस मिशन का चंद्रमा की कक्षा से चंद्र सतह पर उतरने के आखिरी 20 मिनट इतिहास में सबसे चुनौतीपूर्ण क्षण होने जा रहे हैं।
यूपी के डिप्टी सीएम ने दी बधाई
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा, “मैं अपनी शुभकामनाएं देना चाहता हूं और प्रार्थना करता हूं कि चंद्रयान-3 चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करे। पूरा देश इंतज़ार कर रहा है। पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति की है…मैं वैज्ञानिकों को प्रणाम करता हूं।”
तमिलनाडु में चंद्रयान-3 के लिए पूजा
तमिलनाडु: रामेश्वरम अग्नि तीर्थम पुजारी कल्याण संघ के पुजारी चंद्रयान -3 की सफल चंद्र लैंडिंग के लिए अग्नि तीर्थम समुद्र तट पर प्रार्थना कर रहे हैं।
RSS नेता ने दीं शुभकामनाएं
RSS नेता सुनील अम्बेकर ने कहा, “भारत का चंद्रयान-3 मिशन हम सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हमारे देश के वैज्ञानिकों ने भारत का नाम रोशन किया है…मैं हमारे सभी वैज्ञानिकों को बधाई देता हूं, शुभकामनाएं देता हूं। मुझे विश्वास है कि यह अवश्य सफल होगा।”
चंद्रयान-2 के मुकाबले चंद्रयान-3 के कई एल्गोरिदम बदले
ISRO के पूर्व निदेशक डॉ. सुरेंद्र पाल ने चंद्रयान-3 की लैंडिंग को लेकर जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि मुझे ISRO के वैज्ञानिकों की तरह ही विश्वास है कि हम बहुत बेहतर करेंगे क्योंकि चंद्रयान 2 की तुलना में बहुत सारे बदलाव किए गए हैं… बहुत सारे एल्गोरिदम बदले गए हैं… पूर्ण अंशांकन किया गया है। लैंडर में घूमने की क्षमता है। लैंडिंग क्षेत्र को 2.5 किमी से बढ़ाकर 4 किमी कर दिया गया है।