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गदर-2 के प्रोमोशन के लिए इंदौर आए सनी देओल

स्वतंत्रता दिवस के खास मौके पर गदर फेम बॉलीवुड अभिनेता सनी देओल बेटे करण देओल के साथ महू के आर्मी के इंफेंट्री म्यूजियम पहुंचे, जहां उन्होंने ध्वजारोहण किया एवं 152 फीट ऊंचे तिरंगे झंडे को सलामी दी। सनी देओल व करण देओल के साथ इस दौरान सेना के अधिकारी व जवान भी मौजूद थे। इसके बाद एक्टर इंदौर पहुंचे, जहां उन्होंने हाल ही में रिलीज फिल्म गदर-2 के प्रोमोशन के लिए मीडिया से मुलाकात की एवं मीडिया के सवालों के जवाब दिए। जब उनसे पूछा गया कि गदर के बाद गदर-2 को आने में 22 साल की देर क्यों लगी तो उन्होंने बताया कि मैं सचमुच गदर-2 करना नहीं चाहता, क्योंकि मैं गदर जैसी इतनी खूबसूरत फिल्म को छेड़ना नहीं चाहता था। उन्होंने कहा कि फिर कोविड के दौरान दो साल का वक्त मिला और गदर-2 की स्क्रिप्ट लिखी गई। सनी देओल ने कहा कि 22 साल पहले जब गदर फिल्म रिलीज हुई थी तो मुझे लगता था ये फिल्म ‘जीरो’ होगी, लेकिन देश के लोगों में इस फिल्म को बहुत प्यार दिया। इस दौरान उनसे गदर-3 को लेकर भी बात की गई… ऐसे में उन्होंने कहा कि यहां अभी भविष्य की बात है। कुछ अच्छा करने का जरूर सोचेंगे।

भारत-पाकिस्तान के संबंध में सनी देओल ने कहा कि इंडिया-पाकिस्तान के बीच तनाव को बढ़ावा देने का काम कुछ लोगों ने किया है। इससे जनता को फर्क नहीं पड़ता। मुझे लगता है कि दुनिया भी अब इस लड़ाई से थक गई होगी! कोई नहीं चाहता कि एक भी सोल्जर शहीद हो। जब देश की बात आ जाती है तो आदमी के अंदर जोश आ जाता है। तब आदमी वही करेगा, जो होना चाहिए, लेकिन हर आदमी चाहता है कि प्यार से जीएं, क्योंकि जिंदगी जीने के लिए है, लड़ने के लिए नहीं। अपने कॅरियर के शुरुआती दिनों को याद करते हुए सनी ने कहा- हमें खुद नहीं पता था कि जिम्मेदारी क्या होती है? कॅरियर की शुरुआत ‘अर्जुन’ से हुई थी। जब ‘बॉर्डर’ आई तो यूथ से कनेक्शन बढ़ा। जिम्मेदारी बनती गई कि अब फिल्म में जो भी रोल करेंगे, जिम्मेदारीपूर्वक करेंगे। उन्होंने कहा कि यूथ के अंदर जितनी पॉजिटिविटी होती है, उतनी किसी के अंदर नहीं होती, इसलिए हमारा यह कर्त्तव्य बनता है कि यूथ के लिए पॉजिटिव चीजें लाएं, उससे हमारे देश में सकारात्मक बदलाव होगा।

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