इंदौर पुलिस ने चोरी के मोबाइल ठिकाने लगाने वाली गैंग का खुलासा कर दिया है। पुलिस पांच लोगों की लिंक को पकड़ते हुए असली बदमाश तक पहुंच गई। चोरी के मोबाइल ठिकाने लगाने वाला बदमाश व्यापारी फ्लैट लेकर मोबाइल की लैब चलाने लगा। यहीं से मोबाइल के आईएमईआई और सॉफ्टवेयर में बदलाव कर बाजार में बेचता था।
रावजी बाजार पुलिस के जवान जब इस फ्लैट तक बदमाशों का पीछा करते हुए पहुंचे, इतने मोबाइल देखकर वे भी चौंक गए। उन्होंने मामले में वरिष्ठ अफसरों को मौके पर ही बुला लिया। इसके बाद सभी मोबाइल जब्त कर थाने ले गए। रावजी बाजार इलाके में शुक्रवार को इत्र बेचने वाले मोहम्मद अमीन का डेढ़ लाख रुपए मूल्य का आईफोन पलसीकर पर विक्की उर्फ नादिया निवासी अर्जुन मल्टी चुराकर ले गया। आरोपी ने सिर पर हाथ रखने की बात की और मोहम्मद अमीन निवासी टाटपट्टी बाखल की जेब से आईफोन चुरा लिया। अमीन तत्काल रावजी बाजार थाने पहुंचा। यहां से पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के बाद केस दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी।
थाने के सिपाही मुकेश और धर्मेंद्र को विक्की की लोकेशन मिली। पुलिस ने विक्की को पकड़ा तो उसने अर्जुन को बेचने की बात कही। विक्की की निशानदेही पर पुलिस ने अर्जुन को पकड़ लिया। अर्जुन ने कृष्णा का नाम लिया। कृष्णा को रंगेहाथ पकड़ने के लिए सिपाही मुकेश ने अपना मोबाइल अर्जुन को दिया। कहा इसे कृष्णा को भेजो और सौदा तय करो। सौदा 6 हजार में तय हुआ और कृष्णा ने शुभम और वरुण नाम के युवकों को मोबाइल लेने पुलिस के बताए पते पर फूटी कोठी चौराहे भेजा। पुलिस के जवानों ने मोबाइल लेने आए शुभम को तो पकड़ लिया, लेकिन दूर से रेकी कर रहा वरुण मौका देखकर भाग गया। दोनों पुलिसकर्मियों ने वरुण की जानकारी निकाली तो पता चला कि वह अन्नपूर्णा मंदिर इलाके में रहता है। पुलिस उसके घर पहुंची तो वरुण नहीं मिला, लेकिन इसी बीच उसके पिता ने पूछताछ में बताया कि वरुण जितेंद्र वाधवानी निवासी राजमल कॉलोनी को मोबाइल बेचता है, जिसका जेल रोड पर मोबाइल हेरफेर का बड़ा काम है। दोनों पुलिसकर्मी रात में ही जितेंद्र के फ्लैट पर शुभम को लेकर पहुंचे। यहां बैग में मोबाइल रखकर जितेन्द्र और उसका कर्मचारी हेमंत भागने की तैयारी में था। उसके पहले ही पुलिस ने पकड़ लिया।