आरा मशीन पर काम करते वक्त विदिशा निवासी 50 वर्षीय हल्के कुशवाह का हाथ कलाई के पास से कट गया। जैसे-तैसे मरीज हमीदिया अस्पताल पहुंचा था। यहां तीन विभागों प्लास्टिक सर्जरी, अस्थि रोग और एनेस्थीसिया के 13 डॉक्टरों ने सर्जरी करके उनके हाथ को जोड़ दिया। इसके लिए डॉक्टरों ने माइक्रो सर्जरी की। यह सर्जरी 8 घंटे चली। अच्छी बात यह रही कि मरीज को अस्पताल में भर्ती रखा गया। लगातार डॉक्टरों की निगरानी रखने और नियमित उपचार का फायदा यह हुआ कि ना सिर्फ मरीज का हाथ जुड़ा बल्कि 10 दिन में उनकी उंगलियों में मूवमेंट भी आ गया। इस मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
90 फीसदी कट कर लटक गया था हाथ- हल्के के हाथ की हड्डी और नसें कट गई थीं। हाथ का 90 फीसदी हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ और हाथ लटक गया था। हल्के को तुरंत जिला अस्पताल लेकर पहुंचे तो वहां बिना समय गंवाए मरीज को हमीदिया भेजा गया था। डॉक्टरों ने उसी वक्त सर्जरी शुरू कर दी। ये रात 8 बजे से सुबह करीब 4 बजे तक चली।
हादसे के 5 घंटे बाद पहुंचा था मरीज- कटे हुए अंगों को 6 घंटे में जोड़ देने पर उनके दोबारा मूवमेंट आने की उम्मीद रहती है। प्लास्टिक सर्जरी डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ. अरुण भटनागर ने बताया कि हल्के हादसे के 5 घंटे बाद हमारे पास पहुंचे थे। हमने पूरी टीम को लेकर उनकी तत्काल सर्जरी की और उनका हाथ अब पहले की तरह काम कर रहा है।
इस टीम ने की सर्जरी- प्लास्टिक सर्जरी डिपार्टमेंट के डॉ. अरुण भटनागर, डॉ. हरिशंकर सिंह, डॉ. अंबर यादव, डॉ. सौम्य अग्रवाल, डॉ. आशीष लूथरा, डॉ. रुचि, आॅथोर्पेडिक्स डिपार्टमेंट के डॉ. संतोष मिश्रा, डॉ. ब्रजेंद्र, डॉ. अतुल, डॉ. वरुण और एनेस्थीसिया डिपार्टमेंट के डॉ. संदीप राठौर, डॉ. दिवस और डॉ. स्वप्नेश आदि सर्जरी टीम में शामिल रहे।