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स्नेह यात्रा में संकीर्णताओं की बाधाओं को तोड़ रही है समरसता की धारा

हिन्दुस्तान मेल, भोपाल
प्रदेश के सभी जिलों में स्नेह यात्रा जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे जन-सहभागिता और लोगों में उत्साह भी बढ़ता जा रहा है। अब तक 4000 किलोमीटर से अधिक चल चुकी यात्रा में 7 लाख से अधिक लोग सहभागी बन चुके हैं। यात्रा में शामिल लोगों की पूज्य संतों के प्रति श्रद्धा और आस्था देखते ही बनती है। आसपास के गांवों के लोग भी यात्रा में निरंतर शामिल हो रहे हैं। संत सभी को समझाते हैं कि हम सब एक ही ईश्वर की संतान हैं। ईश्वर ने इंसानों में कभी भेद नहीं किया। हमे भी ईश्वर के बताए समानता और सद्भावना के मार्ग पर चलना चाहिए। स्नेह यात्रा के दौरान संतजन संपर्क में आने वाले लोगों को रुद्राक्ष, रूद्राक्ष की माला, तुलसी के पौधे, तुलसी की माला, रामचरितमानस और सुंदरकांड की लघु पुस्तिकाएं, श्रीमद भागवद गीता और अन्य धर्म केन्द्रित साहित्य वितरित कर रहे हैं। संतजन कहते हैं कि भगवान राम हो या कृष्ण, शबरी और सुदामा के बिना अधूरे हैं। संतजनों द्वारा दी जा रही भेंट को लोग बड़ी आस्था से अपने घर के देव-स्थलों में रख रहे हैं।
मुख्यमंत्री चौहान संतों से निरंतर संपर्क में- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्नेह यात्रा में संतजनों के निरंतर संपर्क में हैं। संतों से यात्रा के फीडबैक के रूप में उन्होंने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संवाद भी किया। सभी संतजनों ने इस यात्रा को अभूतपूर्व बताते हुए इसे एक श्रेष्ठ प्रयास बताया। संतजनों ने कहा कि यात्रा में जो श्रद्धा और स्नेह आमजन से मिल रहा है वह अभिभूत कर देने वाला है। इस यात्रा में हम भी बहुत कुछ सीख रहे हैं। संतों का विचार है कि इस प्रयास को निरंतरता प्रदान की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि यह प्रयास भविष्य के एक महाभियान की शुरूआत बनेगा। मुख्यमंत्री ने यात्रा में समय और आत्मीयता प्रदर्शन के लिए संतजनों का आभार जताया।

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