श्रावण माह का आज पांचवां सोमवार है। उज्जैन में तड़के 2.30 बजे महाकालेश्वर के पट खुलते ही मंदिर भगवान शिव के जयकारों से गूंज उठा। रात 12 बजे से भक्त लाइन में लगना शुरू हो गए थे। तड़के भस्म आरती में बाबा महाकाल को दूध, दही, घी, शहद और शकर से बने पंचामृत से अभिषेक पूजन कर भस्म अर्पित की गई। भगवान महाकाल का भांग, चंदन और आभूषणों से राजा स्वरूप में दिव्य शृंगार कर आरती की गई। शाम 4 बजे सवारी निकाली जाएगी। इस दिन 5 लाख भक्तों के पहुंचने की उम्मीद है। दिनभर दर्शन का सिलसिला चलता रहेगा। यह रात 10.45 पर शयन आरती के बाद समाप्त होगा। बाबा महाकाल लगातार 20 घंटे तक भक्तों को दर्शन देंगे। मंदिर प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि भक्तों की भीड़ बढ़ने की संभावना है। इसके लिए भक्तों को 40 मिनट में दर्शन हो सकें, इसके इंतजाम किए गए हैं। मंदिर के महेश पुजारी ने बताया कि अलसुबह भस्म आरती में भगवान महाकाल पहला पूजन किया गया। गर्भगृह में स्थापित सभी भगवान की प्रतिमाओं का जलाभिषेक कर दूध, दही, घी, शकर, शहद से बने पंचामृत से भगवान महाकाल पूजन किया। हरि ओम जल चढ़ाकर कपूर आरती के बाद भांग, चंदन, अबीर के साथ महाकाल के मस्तक पर ऊं, चंद्र और त्रिपुण्ड अर्पित कर राजा स्वरूप में शृंगार किया गया।