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सरस्वती आत्महत्या मामला : पति के बयान के बाद होगी आगे की कार्रवाई………….

डॉ. बाला सरस्वती के सुसाइड करने के बाद गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल में एक बैनर लगाया गया था। जूनियर डॉक्टरों ने इंसाफ दिलाने की गुहार लगाई थी। मामले में कोहेफिजा पुलिस का कहना है कि डॉ. सरस्वती सुसाइड केस में अब केवल उनके पति जयवर्धन चौधरी के बयान होना बाकी हैं। उल्लेखनीय है डॉ. सरस्वती की मौत के बाद हमीदिया अस्पताल में जयवर्धन ने पुलिस को शुरुआती बयान दिए थे। इसमें उन्होंने गांधी मेडिकल कॉलेज के गायनेकोलॉजी डिपार्टमेंट की प्रोफेसर डॉ. अरुणा कुमार, डॉ. पल्लवी, डॉ. पूर्वा और डॉ. नंदिनी एवं डॉ. रेखा वाधवानी द्वारा थीसिस के नाम पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था।
पिता ने भी लगाए थे
प्रताड़ना के आरोप
डॉ. सरस्वती के पिता वेंकेटेश्वर राव ने पुलिस को दिए बयान में जीएमसी के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की एचओडी डॉ. अरुणा कुमार, डॉ. पूर्वा, डॉ. पल्लवी और डॉ. नंदिनी पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। उन्होंने पुलिस को बताया कि बेटी ने कई मर्तबा कॉलेज में डिपार्टमेंट की एचओडी डॉ. अरुणा सहित अन्य डॉक्टरों द्वारा प्रताड़ित किए जाने की जानकारी चर्चा के दौरान दी थी। इसके अलावा पिता वेंकेटेश्वर राव ने पुलिस को बताया कि उन्होंने बेटी डॉ. सरस्वती को शादी में 40 लाख रुपए का सोना (गोल्ड) दिया था। परिजन ने पुलिस के सवालों के जवाब में जयवर्धन और डॉ. सरस्वती के रिश्तों के बारे में भी जिक्र किया है।
कभी नहीं सुनी विवाद की आवाज
डॉ. सरस्वती के पड़ोस में रहने वाले आसिम हसन और उनकी पत्नी के भी पुलिस ने बयान दर्ज किए हैं। दोनों ने पुलिस को बताया कि पति और पत्नी के बीच कभी किसी विवाद की आवाज नहीं सुनी। 31 जुलाई की सुबह करीब 6 बजे जयवर्धन ने आवाज देकर उन्हें मदद के लिए बुलाया था।
इसलिए धीमी हुई जांच
मामले की जांच कर रहे तत्कालीन एसीपी उमेश तिवारी ट्रांसफर के बाद करीब 6 दिन पहले रिलीफ भी हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि दस लोगों के बयान दर्ज कर चुके थे। आगे की कार्रवाई नए एसीपी जॉइनिंग के बाद शुरू करेंगे। आगे की कार्रवाई भी नए एसीपी ही तय करेंगे।

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