भोपाल मास्टर प्लान 2031 को लेकर आपत्तियों की आनलाइन सुनवाई नौ अगस्त से चार सितंबर तक होगी। इस दौरान 3005 आपत्तियों पर सुनवाई होगी। मंगलवार को पहले दिन 152 आपत्तियों को सुनवाई के लिए रखा जाएगा। भोपाल के मास्टर प्लान का ड्राफ्ट 2 जून को सरकार ने जारी कर दिया था। ड्राफ्ट जारी होने के 30 दिन के अंदर कुल 3005 आपत्ति और सुझाव मिले। इनमें बड़ा तालाब किनारे बसाहट, बाघ एरिया समेत कई रहवासी इलाकों को लेकर आपत्तियां आई हैं। 11 बजे से शुरू यह सुनवाई शाम 5.45 बजे तक चलेगी। इसमें विधायक कृष्णा गौर, पूर्व विधायक जितेंद्र डागा, दिलीप बिल्डकान के दिलीप सूर्यवंशी और सीमा सूर्यवंशी की 3—3 आपत्तियां, आयुक्त गृह निर्माण एवं अधोसंरचना जैसे अन्य नाम सुनवाई में शामिल हैं।
विवाद के 3 बड़े कारण
ल्ल मास्टर प्लान में एक बड़ा विवाद बड़े तालाब के कैचमेंट का लैंडयूज बदलने को लेकर है। लोग कैंचमेंट क्षेत्र को रहवासी करवाना चाहते हैं, जिससे यहां निर्माण कार्य किया जा सके। बता दें कि लैंडयूज को बदलने के लिए 770 आपत्तियां लगाई गई हैं।
ल्ल मास्टर प्लान में बड़े तालाब के कैचमेंट से संबंधित करीब 600 आपत्तियां आई हैं। ग्रामीण तबका इसे अपने साथ हुए धोखे की तरह देख रहा है। बड़े तालाब में शहरी क्षेत्र में जेडओआई 50 मीटर और उसकी सहायक नदी कोलांस में यह 100 मीटर से अधिक रखा गया है। इस दोहरे रवैये के खिलाफ लोगों ने आपत्ति लगाई है।
ल्ल एफएआर यानी फ्लोर एरिया रेशो पर 394 आपत्तियां आई हैं। लो- डेंसिटी एरिया में कई आईएएस और आईपीएस के बंगले हैं। वर्तमान प्लान के अनुसार लो डेनसिटी एरिया में मात्र 0.06 एफएआर ही मान्य है, जबकि अफसरों ने अपने रसूख का इस्तेमाल करते हुए तय एफएआर से ज्यादा निर्माण करवा लिया, इसे वैध कराने के लिए एफएआर का बढ़ाना जरूरी था, यह हुआ भी, लेकिन लोगों ने भर—भरकर आपत्तियां लगा दी, जिसके बाद इसे 0.06 ही रहने दिया गया, लेकिन अब इसे लेकर भी आपत्तियां लग गई है।