अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दूसरे दिन राहुल गांधी ने मोर्चा संभाला। टीवी चैनलों पर चल रही लाइव कार्रवाई को देख रहे लोगों में भी राहुल को सुनने की उत्सुकता थी। राहुल के भाषण के दौरान सत्तापक्ष हंगामा भी करता रहा, लेकिन स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें बोलने का पूरा मौका दिया। लोगों को तब बड़ा अटपटा लगा, जब अपना भाषण समाप्त करने के बाद राहुल सदन से रवाना हो गए और पार्टी के सांसदों को विपक्ष का हमला झेलने के लिए छोड़ गए।
भाषण की शुरुआत करते हुए राहुल ने कहा कुछ दिन पहले मैं मणिपुर गया। हमारे प्रधानमंत्री आज तक नहीं गए, क्योंकि उनके लिए मणिपुर हिंदुस्तान नहीं है। मैंने मणिपुर शब्द प्रयोग किया। आज की सच्चाई यह है कि मणिपुर नहीं बचा है। मणिपुर को आपने बांट दिया है, तोड़ दिया है। रिलीफ कैंप में गया। महिलाओं से बात की, बच्चों से बात की, प्रधानमंत्रीजी ने आज तक नहीं किया।
मणिपुर में भारत माता की हत्या हुई- राहुल गांधी बोले- जैसे मैंने भाषण की शुरुआत में बोला कि भारत एक आवाज है। जनता की आवाज है, दिल की आवाज है। उस आवाज की हत्या आपने मणिपुर में की। इसका मतलब भारत माता की हत्या आपने मणिपुर में की। आप देशद्रोही हो, आप देशभक्त नहीं हो। इसीलिए आपके प्रधानमंत्री मणिपुर नहीं जा सकते हैं, क्योंकि उन्होंने मणिपुर में हिंदुस्तान, भारत माता की हत्या की है।
स्पीकर बिड़ला बोले- भारत माता हमारी मां है, सदन में बोलते वक्त मर्यादा का ध्यान रखें। इस पर राहुल बोले- मैं अपनी मां की बात कर रहा हूं। आपने मणिपुर में मेरी मां की हत्या की। एक मां यहां बैठी है, दूसरी की हत्या आपने मणिपुर में की। सेना एक दिन में वहां शांति ला सकती है।
कांग्रेस का ‘भारत माता की हत्या’ पर तालियां बजाना शर्मनाक : स्मृति ईरानी
राहुल के भाषण के बाद भाजपा से स्मृति ईरानी ने मोर्चा संभालते हुए कहा आप इंडिया नहीं हैं। आपकी पीठ पर, आपके आसन पर जिस प्रकार का आक्रामक बर्ताव आज देखा गया, उसका खंडन करती हूं। पहली बार राष्ट्र के इतिहास में भारत मां की हत्या की बात की। कांग्रेस पार्टी यहां तालियां बजाती रही। जो भारत की हत्या की बात पर तालियां पीटती हैं, इस बात का संकेत पूरे देश को दिया कि मन में गद्दारी किसके है। मैं आज हिंदुस्तानी होने के नाते कहती हूं- मणिपुर खंडित-विभाजित नहीं है, मेरे देश का अंग है। इन्हीं के अलायंस का सदस्य यहीं है कि जिन्होंने तमिलनाडु में कहा कि भारत का मतलब मात्र उत्तर भारत।
कश्मीरी पंडितों की सुनें दास्तान : स्मृति ईरानी ने कहा कि यह चेहरा धूमिल है। मैं बताऊं किसका चेहरा है? यह चेहरा गिरिजा टिक्कू का है। कश्मीरी पंडितों की दास्तान सुन लीजिए। नब्बे के दशक में एक महिला यूनिवर्सिटी में अपना चेक लेने जाती है। बस से घर लौटने का प्रयास करती है। पांच मर्द खींचकर ले जाते हैं, बलात्कार करते हैं और आरी से बदन काट देते हैं। जब गिरिजा टिक्कू के जीवन पर एक फिल्म में दिखाया गया तो कांग्रेस के कुछ प्रवक्ताओं ने उसे प्रपोगेंडा कहा। आप नहीं चाहते कश्मीरी पंडितों की दास्तान सुनाई जाए। सरला बट्ट को भी अगवा कर सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। ये आप अपने आप को इंसाफ का पुजारी बताते हैं, लेकिन मुझे बताइए कि गिरिजा टिक्कू और सरला बट्ट को कब इंसाफ मिलेगा? तब वहां यह नारा दिया जाता था कि या तो धर्म बदलो, या कश्मीर छोड़ो या यहीं मरो।