राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को भोपाल के रवींद्र भवन में एशिया के सबसे बड़े साहित्यिक और सांस्कृतिक आयोजन ‘उन्मेष’ और ‘उत्कर्ष’ का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा- भारत में एक मजबूत कल्चरल इको सिस्टम विकसित हो रहा है। देवर्षि नारद, महर्षि वाल्मीकि, रवींद्रनाथ टैगोर, जयशंकर प्रसाद और रामधारी सिंह दिनकर का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि साहित्य लोगों से सीधा जुड़ता है और उन्हें आपस में जोड़ता है। वही साहित्य और कलाएं सार्थक हैं, जो मैं और मेरा से ऊपर उठकर रचे जाते हैं।
मुर्मू ने कहा कि राष्ट्रपति बनने के बाद मेरे सर्वाधिक दौरे मप्र में ही हुए हैं। यह पांचवां मौका है, जब मैं राष्ट्रपति के रूप में मप्र आई। उन्होंने कहा कि भारत को विकसित राष्ट्र बनने के लिए जनजातीय भाई-बहनों की प्रगति आवश्यक है। हमारा सामूहिक प्रयास होना चाहिए कि वे अपनी संस्कृति, लोकाचार, रीति-रिवाज और प्राकृतिक पर्यावरण को संरक्षित करते हुए विकास में भागीदार बनें। राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने उन्मेष और उत्कर्ष को भारत की विभिन्न परंपराओं को जोड़ने का प्रयास बताया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक नया दौर शुरू हुआ है।