नगर निगम की माली हालत ठीक नहीं चल रही है। आर्थिक सेहत सुधारने के लिए राजस्व वसूली पर खासा जोर दिया जा रहा है। निगम ने बड़े बकायादारों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। निगमायुक्त ने राजस्व विभाग के कर्ताधर्ताओं को अगस्त माह में 50 करोड़ वसूली का टारगेट दे दिया है। साथ ही 25 हजार व्यावसायिक लाइसेंस बनाने का भी लक्ष्य दिया है। राजस्व वसूली के लिए झोनवार शिविर लगाने के साथ ही करदाताओं से घर-घर संपर्क करने के लिए भी कहा गया है।
निगम की बिगड़ी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए निगम प्रशासन द्वारा राजस्व वसूली के लिए अभियान चलाने के साथ ही सख्त कदम भी उठाए जा रहे हैं। निगम के निशाने पर खासतौर पर बड़े बकायादार हैं। निगमायुक्त हर्षिका सिंह ने राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक लेकर राजस्व वसूली के संबंध में सख्त निर्देश दिए हैं। निगमायुक्त द्वारा सिटी बस आॅफिस में ली गई समीक्षा बैठक में अपर आयुक्त अभिलाष मिश्रा और उपायुक्त लता अग्रवाल सहित समस्त सहायक राजस्व अधिकारी, बिल कलेक्टर व अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। आयुक्त सिंह द्वारा संपत्तिकर, जलकर, कचरा प्रबंधन शुल्क व अन्य करों की राजस्व वसूली की झोनवार/वार्डवार समीक्षा की गई। आयुक्त द्वारा राजस्व वसूली की समीक्षा के दौरान समस्त सहायक राजस्व अधिकारी एवं बिल कलेक्टर को बड़े बकाया करदाताओं से संपत्तिकर के बकाया 44 करोड़, जलकर के 3 करोड़ एवं कचरा प्रबंधन शुल्क के 3 करोड़ सहित कुल 50 करोड़ की राशि इसी माह अगस्त में वसूल करने के निर्देश दिए गए। इसके साथ ही आयुक्त द्वारा अगस्त में 25 हजार से अधिक व्यापारिक लाइसेंस बनाने का लक्ष्य दिया गया।