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ज्ञानवापी का सच तलाशने में मदद करेंगे प्रोफेसर जावेद एन. मलिक

वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे का काम शुरू हो गया है। लगभग 350 साल पुरानी मस्जिद का सर्वे कराने के पीछे यह जानना है कि क्‍या यह किसी मंदिर को तोड़कर उसके ऊपर बनाई गई है। इसके लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के ऊपर यहां का सर्वे करने की जिम्‍मेदारी है। एएसआई की टीम डॉ. आलोक त्रिपाठी की अगुआई में यह काम करेगी। डॉ. त्रिपाठी एएसआई के अतिरिक्‍त महानिदेशक हैं। चूंकि सर्वे के दौरान इस बात का पूरा ध्‍यान रखा जाएगा कि मौजूदा इमारत को कोई नुकसान न हो, इसलिए इसमें आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों की एक टीम भी होगी, जिसे प्रोफेसर जावेद एन. मलिक लीड करेंगे।
एएसआई ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर से मदद मांगी थी। अब प्रोफेसर जावेद एन. मलिक के नेतृत्व में एएसआई और आईआईटी की टीम ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) तकनीक का इस्‍तेमाल करके सर्वे करेगी। जीपीआर तकनीक की मदद से विशेषज्ञ मौजूदा संरचना से छेड़छाड़ किए बिना ज्ञानवापी परिसर के पुरातात्विक महत्व की जांच कर सकेंगे।

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