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जीएमसी में जूनियर डॉक्‍टर हड़ताल पर अड़े, बिना इलाज के लौटे मरीज

गांधी मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के कारण मरीज और उनके स्वजन को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गुरुवार को लंबा इंतजार करने के कारण कई मरीज खुद ही हमीदिया से वापस हो गए, क्योंकि स्टाफ इनसे कह रहा था कि डॉक्टर हड़ताल पर हैं, तो ओपीडी में उपचार मिलने में देरी होगी।
यह बात पुराने भोपाल से आए मो.अब्दुल कादिर ने बताई । उन्होंने बताया कि मेटरनिटी में उपचार को लेकर कोई गारंटी देने को तैयार ही नहीं है। जूनियर डॉक्टरों ने सुबह जस्टिस फॉर सरस्वती के नारे के साथ रैली निकाली। शुक्रवार से हड़ताल में सीनियर रेसिडेंट डॉक्टर भी शामिल हो सकते हैं। इसके बाद चिकित्सा व्यवस्थाएं पूरी तरह से चौपट हो सकती हैं। दरअसल, गांधी मेडिकल कॉलेज में स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की जूनियर डॉक्टर डॉ. बाला सरस्वती सुसाइड को लेकर एचओडी डॉ. अरुणा कुमार को गांधी मेडिकल कॉलेज से हटाने की मांग को लेकर करीब 250 से अधिक डॉक्टर हड़ताल पर चल रहे हैं। इसके बाद कर्मचारी संगठनों ने भी जूनियर चिकित्सकों की समर्थन दे दिया है।
रोजाना आते हैं लेबर पेन के 15 से 20 मरीज – हमीदिया के महिला विभाग में रोजाना करीब एक हजार के आसपास ओपीडी रहती हैं। इसमें 150 से अधिक इमरजेंसी मरीज शामिल होते हैं। वहीं लेबर पेन से पीड़ित इमरजेंसी केस रोजाना 15 से 20 के आसपास होते हैं। गुरुवार को भी कई मरीज डॉक्टर के नहीं होने के कारण वापस हो गए।

डॉ. अरुणा को हटाएं
जूडा अध्यक्ष डॉ. संकेत सीते ने कहा हमारी मांगें साफ हैं। डॉ. अरुणा कुमार को मेडिकल कॉलेज से हटाया जाए। कल भी हमें धमकाया गया। हम नहीं चाहते कि हड़ताल आगे बढ़े या रोगियों का नुकसान हो। डॉ. अरुणा कुमार का बहुत अधिक प्रभाव है। उनकी मौजूदगी में ही रेसीडेंट डॉक्टरों में बहुत डर रहता है।
प्राध्यापक-सहप्राध्यापक की शिकायत
जूडा ने डॉ. भारती परिहार ( प्राध्यापक) एवं डॉ. सोना सोनी (सहप्राध्यापक) की शिकायत डीन से की कि ये दोनों हड़ताल खत्म करने के लिए दवाब डाल रहे हैं। नहीं करने पर परिणाम भुगतने को तैयार रहने की धमकी दे रहे हैं। यदि उनके साथ कोई अनहोनी होती है तो इसकी सारी जवाबदारी इन दोनों की रहेगी।
वैकल्पिक इंतजाम कर रहे
कलेक्टर-कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि हमीदिया अस्पताल में जूडा की हड़ताल के चलते मरीजों के इलाज के लिए वैकल्पिक इंतजाम कराएंगे। सभी सीएमएचओ को निर्देश दिए हैं कि वो जिले से मरीजों को जबरन रैफर न करें।

इनका कहना है
हमें प्रदेश भर के कॉलेज के सीनियर-जूनियर रेसिडेंट का समर्थन मिल रहा है। एमटीए भोपाल का पहले ही समर्थन मिला हुआ है। हमारी हड़ताल डॉ.अरुणा को हटाने के बाद ही समाप्त की जाएगी।
ल्ल डॉ. संकेत सीते, जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन
जूनियर डॉक्टर डॉ. अरुणा कुमार को हटाने की मांग कर रहे हैं। इसे लेकर उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया है। आगे का निर्णय उनको ही लेना है। जूनियर डॉक्टर को धमकाने के मामले में शिकायत मिली है।
ल्ल डॉ. अरविंद राय, डीन गांधी मेडिकल कॉलेज

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