पंचांगों के अनुसार इस बार श्रावण अधिकमास रहेगा अर्थात श्रावण मास की अवधि तीस की बजाय साठ दिन की होगी। ऐसे में ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर से भगवान महाकाल की दस सवारी निकलेगी। मंदिर समिति ने इसके लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी है। समिति पांच नए रथ बनवाने जा रही है। मंदिर के पुजारी, पुरोहित रथ का डिजाइन तैयार करेंगे। ड्राइंग डिजाइन को प्रबंध समिति में रखा जाएगा। स्वीकृति मिलने के बाद रथ बनाने का काम शुरू होगा।
विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में श्रावण-भादौ मास में भगवान महाकाल की सवारी निकाली जाती है। मंदिर की परंपरा अनुसार श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार तथा भादौ मास में भादौ कृष्ण अमावस्या तक आने वाले सोमवार पर सवारी निकलती है। इस अनुक्रम से प्रतिवर्ष 6 से 7 सवारियां निकाली जाती है। इस बार श्रावण अधिक मास होने से भगवान की दस सवारी निकलेगी।
पुराने रथ जर्जर, तीन मुखारविंद नए रथ में निकलेंगे
पुराने पांच रथ में से दो तीन रथ जर्जर हो गए है। इनका स्थान नए रथ लेंगे। इसके दो नए रथ में भगवान के अन्य मुखारविंद भक्तों के दर्शनार्थ निकाले जाएंगे। सूत्र बताते हैं एक पुजारी ने चांदी का बड़ा रथ बनाने का भी प्रस्ताव दिया है।
2023 में महाकाल की सवारी
’पहली-10 जुलाई ’दूसरी-17 जुलाई
’तीसरी-24 जुलाई ’चौथी-31 जुलाई
’पांचवी-07 अगस्त ’छठी-14 अगस्त
’सातवी-21 अगस्त ’आठवीं-28 अगस्त ’नवीं-04 सितंबर ’दसवीं शाही सवारी-11 सितंबर