दिव्यांगजन भी किसी से कम नहीं हैं। बस हौसला बढ़ाने की जरूरत है। इंदौर में दिव्यांगजन के लिए पंजा कुश्ती स्पर्धा का आयोजन किया गया। स्पर्धा में दिव्यांगों ने उत्साह के साथ भाग लेकर अपनी सामर्थ्य का उम्दा प्रदर्शन किया और साबित किया कि हम भी किसी से कम नहीं है। हम मैं भी वे प्रतिभा है, जो एक सामान्यजन में होती है।
अवसर मिले तो हम अपनी प्रतिभा को दिखा भी सकते हैं। पंजा कुश्ती स्पर्धा में कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने भी दिव्यांग अर्पित से पंजा लड़ाया और दोस्ताना प्रतिस्पर्धा की। गांधी हॉल में रविवार को दिव्यांगजनों के लिए अनूठी पंजा कुश्ती का आयोजन किया गया। राज्य शासन के सामाजिक न्याय विभाग और पंजा कुश्ती संघ द्वारा आयोजित इस अनूठी स्पर्धा का कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी द्वारा शुभारंभ किया गया। स्पर्धा में विभिन्न निशक्त विद्यालयों के 150 से भी अधिक दिव्यांग बच्चों ने उत्साहपूर्वक भागीदारी दर्ज करवाई। उन्होंने दिव्यांग अर्पित से न केवल पंजा लड़ाया बल्कि हौसला भी बढ़ाया और खेल भावना का परिचय देते हुए हार स्वीकार की। कलेक्टर ने दिव्यांगजन के साथ दोस्ताना व्यवहार भी किया। उन्होंने स्पर्धा के विजेताओं को पुरस्कार भी प्रदान किए। स्पर्धा में मूक-बधिर, अंधत्व, श्रवणबाधित नि:शक्त बच्चों ने गजब की स्फूर्ति और आनंद का इजहार किया। इस मौके पर सामाजिक न्याय विभाग की संयुक्त संचालक सुचिता तिर्की बेक, मध्यप्रदेश पंजा कुश्ती संघ के अध्यक्ष समीर व्यास व मनोहर शेखावत भी उपस्थित थे। स्पर्धा का संचालन स्वामी मुस्कराके एवं शैलेंद्र व्यास उज्जैन ने किया। अंत में शैलेंद्र सोलंकी ने आभार व्यक्त किया।