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33 ड्राइवरों के सीरियल किलर खांबरा को पहली बार हुई सजा

ट्रक चोरी में पकड़ा गया, 33 हत्याएं कबूली; पुलिस अब तक 16 गुनाह ही ट्रेस कर  पाई | MP Maharashtra Serial Killer Aadesh Khambra Story; Killed 33 Truck  Drivers - Dainik Bhaskar

मध्यप्रदेश से महाराष्ट्र तक 33 ट्रक ड्राइवरों की हत्या करने वाले सीरियल किलर आदेश खांबरा को जिला अदालत ने शनिवार को ट्रक चोरी के मामले में 3 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। 5 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। इतनी ही सजा उसके साथी जयकरण को सुनाई है जबकि सह आरोपी बलजिंदर सिंह और सुनील खटीक को 2-2 साल की सजा और 5-5 हजार का जुर्माना लगाया है।
खांबरा ने पुलिस की पूछताछ में एमपी, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा में 33 ट्रक ड्राइवर-क्लीनर की हत्या करना कबूला था। उसके केस की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था। अब तक पुलिस उसके 16 गुनाहों को ही ट्रेस कर पाई है, जो अभी कोर्ट में पेंडिंग हैं। उसे पहली बार किसी मामले में सजा हुई है। एक मामले में वह बरी हो चुका है। एक आम आदमी से सीरियल किलर बने आदेश खांबरा की जुर्म की दास्तां चौंकाती है।
रिटायर्ड फौजी पिता के क्रूर
व्यवहार से निर्दयी बना
आदेश खांबरा (50) भोपाल से करीब 25 किलोमीटर इंडस्ट्रियल एरिया मंडीदीप में अपनी पत्नी व तीन बच्चों के साथ रहता था। यहां दर्जी की छोटी सी दुकान चलाया करता था। खांबरा दर्जी के काम में इतना माहिर था कि शरीर को देखकर कपड़े सिल देता था। आदेश के पिता स्व. गुलाब खांबरा फौज से रिटायर हुए थे। बचपन से ही वह अपने बिगड़ैल बेटे आदेश को बेरहमी से पीटते थे। यह सिलसिला उसकी किशोर अवस्था तक जारी रहा। पिता के व्यवहार के कारण वह अपनी दर्जी की दुकान भी एक जगह स्थायी तौर पर नहीं चला पाता था। इससे उसके दिल में निर्दयता बढ़ती गई।

’ मंडीदीप व्यावसायिक क्षेत्र होने से इस एरिया में कई राज्यों के लोग ट्रांसपोर्ट के काम में आया-जाया करते हैं, इसलिए आदेश के ग्राहकों में कई अन्य राज्यों के भी थे। साल 2010 में किसी ग्राहक के जरिए आदेश की मुलाकात एक शख्स से हुई। जो उत्तर प्रदेश के झांसी का था। दो तीन मुलाकातों के बाद इस शख्स ने आदेश से कहा ज्यादा पैसे कमाना चाहो तो कभी मिलना। इस आदमी से मिलकर आदेश को कुछ शक तो हो गया था कि यह आदमी किसी किस्म के अपराध में शामिल हो सकता है। फिर आदेश ने उसके बारे में सोचना छोड़ दिया।
’ इधर, 38 साल के आदेश की जिंदगी में कई उलझनें चल रही थीं। उसके बेटे का एक एक्सीडेंट हुआ था, जिसमें वह बुरी तरह घायल हो चुका था और उसका इलाज चल रहा था। बेटे के इलाज के लिए आदेश को बड़ी रकम इधर-उधर से उधार लेकर जुटाना पड़ी थी।
’ अपने कर्ज से परेशान आदेश कभी-कभी हाईवे किनारे शराब पीने जाया करता था। एक रोज जब आदेश इसी तरह शराब पी रहा था तभी उसे वही आदमी दिखाई दिया जो उससे ज्यादा पैसे कमाने की बात कहकर गया था। दोनों की मुलाकात हुई और आदेश ने उससे पूछा कि काम क्या करना होगा? तब उस आदमी यानी बजरंग ने कहा कि काम आसान है। हाईवे पर कई ट्रक ड्राइवर आते-जाते रुका करते हैं। उन्हें बताए हुए अड्डे पर शराब पार्टी करने के लिए फुसलाकर बुलाना होगा।

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