इंदौर। प्रदेश के विभिन्न शहरों में बचतकर्ताओं के साथ लंबे समय से हो रही धोखाधड़ी के मामले की जांच के लिए सीबीआई के दल ने इंदौर में डेरा डाल रखा है। पहले इस मामले की जांच दो थानों द्वारा की जाकर चार आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया था लेकिन मामला प्रदेश के विभिन्न शहरों से जुड़ा होने पर यह मामला जांच के लिए सीबीआई को सौंप दिया था।
थानों द्वारा अब तक की गई जांच और साक्ष्य सीबीआई ने पुलिस से अपने कब्जे में ले लिए हैं। को-आॅपरेटिव सोसायटी द्वारा सैकड़ों लोगों से करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी में पुलिस ने 4 आरोपियों को पहले गिरफ्तार किया है, अन्य आरोपी फरार चल रहे।
संजीवनी को-आॅपरेटिव सोसाइटी के कर्ताधर्ता के खिलाफ 2020 में विभिन्न धाराओं में एमआईजी और एक ग्रामीण थाना क्षेत्र में भी प्रकरण दर्ज किया गया था। मुख्य रूप से एरोड्रम पुलिस द्वारा भूपेंद्र तेली, जगदीश तेली, नेपाल सिंह, अनिल आहूजा, विक्रम राजपूत, किशन सिंह, देवेंद्र मिश्रा के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
डीसीपी आदित्य मिश्रा ने बताया गया कि बर्ड्स एक्ट आविनियमित जमा योजना प्रतिबंध अधिनियम है। संजीवनी को-आॅपरेटिव के माध्यम से कई लोगों के साथ धोखाधड़ी की गई है, जिसमें एरोड्रम और एमआईजी के साथ ही एक अन्य ग्रामीण क्षेत्र में भी प्रकरण दर्ज किया गया था।