अतीक और अशरफ को जब पुलिस कस्टडी में प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल में मेडिकल के लिए ले जाया जा रहा था, इसी दौरान तीन आरोपियों अरुण मौर्या, सनी और लवलेश तिवारी ने उन पर तड़ातड़ गोलियां बरसा दीं. हत्याकांड के बाद तीनों हमलावरों को सरेंडर के बाद गिरफ्तार कर लिया गया. वारदात को तीन युवकों ने अंजाम दिया,जो पत्रकार बनकर पुलिस के काफिले के नजदीक पहुंचे और ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. इस दौरान करीब 18 राउंड गोलियां चलीं, जिनमें से 8 गोली अतीक अहमद को लगीं. …
सिब्बल ने पूछे ये 8 सवाल….
1- रात 10 बजे मेडिकल चेकअप?
2- कोई मेडिकल इमरजेंसी नहीं
3- पीड़ितों (अतीक-अशरफ) को टहलाया जा रहा था.
4- मीडिया में खुले में क्यों लाया गया?
5- हत्यारे एक दूसरे से अंजान थे?
6- शूटरों के पास 7 लाख से ज्यादा कीमत के हथियार
7- शूटर पहले से ट्रेन्ड थे
8- हत्या के बाद सभी तीनों ने सरेंडर किया. ….
विपक्ष के निशाने पर योगी सरकार
अतीक और अशरफ के दोहरे हत्याकांड के बाद सत्ताधारी बीजेपी विपक्षी दलों के निशाने पर आ गई है. विपक्ष ने यूपी में शासन की तुलना जंगल राज और माफिया राज से की है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट कर कहा, देश का संविधान उन लोगों ने बनाया है, जो आजादी के लिए लड़े थे. हमारा इसी संविधान और कानून को सर्वोच्च स्थान प्राप्त है. इससे खिलवाड़ करने की अनुमति किसी को नहीं दी जा सकती है. अपराधी की सजा का फैसले का अधिकार न्यायपालिका का है. ये अधिकार किसी सरकार को, किसी नेता को या क़ानून का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों को नहीं दिया जा सकता है….