महाद्रिपार्श्वे च तटे रमन्तं सम्पूज्यमानं सततं मुनीन्द्रे:
सुरासुरैर्यक्षमहोरगाद्यै: केदारमीशं शिवमेकमीडे…..
भगवान शिव शंकर, जो पर्वतराज हिमालय के नजदीक पवित्र मन्दाकिनी के तट पर स्थित केदारखण्ड नामक श्रृंग में निवास करते हंैं और हमेशा ऋषि-मुनियों द्वारा पूजे जाते हैं। जिनकी यक्ष-किन्नर, नाग व देवता-असुर आदि भी हमेशा पूजा करते हैं, उन अद्वितीय कल्याणकारी केदारनाथ नामक शिव शंकर की मैं स्तुति करता हूं।
देहरादून। द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक उत्तराखंड स्थित केदारनाथ धाम के कपाट मंगलवार को पूरे विधि विधान के साथ खोले गए, इस दौरान मंदिर को करीब 20 क्विंटल फूलों से सजाया गया था। मंदिर के कपाट जिस वक्त खोले गए, उस समय वहां करीब आठ हजार श्रद्धालु पहुंचे थे। हालांकि, मौसम खराब रहने की आशंका के मद्देनजर सोमवार को श्रद्धालुओं को आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी जा रही थी। अगले छह महीने तक श्रद्धालु मंदिरों के दर्शन कर सकेंगे। वहीं मौसम विभाग द्वारा 29 अप्रैल तक बर्फबारी और बारिश का पूवार्नुमान व्यक्त किए जाने की वजह से राज्य सरकार ने रविवार को केदारनाथ के लिए श्रद्धालुओं का पंजीकरण 30 तारीख तक के लिए बंद कर दिया, जबकि ऋषिकेश, गौरीकुंड, गुप्तकाशी और सोनप्रयाग सहित कई जगहों पर यात्रियों को फिलहाल वहीं ठहरने को कहा जा रहा है।