Hindustanmailnews

आप में क्रिएटिविटी है तो गेमिंग में अच्छे अवसर

प्रदेश के युवा एनिमेशन और विजुअल इफेक्ट्स के क्षेत्र में देश-दुनिया में अपने शहर और प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं। लेकिन, इससे जुड़ी गेमिंग इंडस्ट्री में भागीदारी कम है। क्योंकि, गेमिंग इंडस्ट्री को लेकर उदासीनता होना है। स्टार्टअप को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चल रहे किसी भी इन्क्यूबेशन सेंटर में गेमिंग के लिए अलग से प्रावधान नहीं हैं। क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि प्रदेश सरकार यदि आईटी पॉलिसी में ही एवीजीसी का समावेश करे तो गेमिंग इंडस्ट्री में इंदौर गेम चेंजर हो सकता है। युवाओं के लिए यह क्षेत्र मुफीद है, क्योंकि गेमिंग में कॅरियर बनाने के लिए रचनात्मकता जरूरी है। 12वीं पास भी इसमें कॅरियर बना सकते हैं। इंदौर में करीब 600 छोटे-बड़े स्टूडियो हैं, जो देश-दुनिया की गेमिंग कंपनियों के लिए काम कर रहे हैं।
मालूम हो कि केंद्र सरकार ने एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग एंड कॉमिक्स (एवीजीसी) के लिए टास्क फोर्स का गठन किया था। टास्क फोर्स पिछले साल दिसंबर में सूचना और प्रसारण मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंप चुकी है। इसमें संसाधनयुक्त स्टूडियो, रिसोर्सेस, कॉलेजों के साथ-साथ सरकार की इस दिशा में सकारात्मक भूमिका की जरूरत बताई गई।

’ सरकार ने 2030 तक इंडस्ट्री को 100 बिलियन डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य रखा है।
’ एक रिपोर्ट के अनुसार 1.2 बिलियन डॉलर के गेमिंग मार्केट में भारत की साझेदारी 28 फीसदी है। देश की इस हिस्सेदारी में इंदौर का योगदान 2 से 3 प्रतिशत ही है।
’ गेमिंग में सोनी और माइक्रोसॉफ्ट टॉप प्लेयर हैं। भारत में रॉकस्टार टॉप पर

Scroll to Top
Verified by MonsterInsights