आईपीएस अफसर से टीआई का फोन पर पेंडिंग मामलों के निपटारे को लेकर विवाद हो गया। दोनों के बीच पहले फोन पर बहस हुई, बाद में वाट्सएप पर भी काफी देर तक आपस में बात होती रही। पटना से आहत टीआई ने खुद को रिलीव किया और थाने से चले गए। उन्होंने इसके लिए निजी कारणों का हवाला दिया है। यह घटना पुलिस विभाग में चर्चा का केंद्र बनी हुई है। पहली बार ऐसा हुआ है जब कोई टीआई बिना हटाए थाने से चला गया हो।
यह मामला एरोड्रम थाने का है। दरअसल 8 अप्रैल को टीआई संजय शुक्ला का अपने सर्कल के एक आईपीएस अफसर से फोन पर जमकर विवाद हो गया। अफसर ने टीआई को फोन कर पेंडिंग अपराधों की जानकारी मांगी थी। गंभीर अपराधों का जल्द निपटारा करने के निर्देश दिए थे। इस दौरान टीआई ने जिस अंदाज में जवाब दिया वह अफसर को नागवार गुजरा और उन्होंने फोन पर ही जमकर खरी-खोटी सुना दी। इसी के बाद टीआई का भी पारा चढ़ गया और उन्होंने भी बहस शुरू कर दी। कुछ देर बाद उन्होंने फोन काट दिया। इसके बाद काफी देर तक दोनों के बीच वाट्सएप पर चैटिंग के जरिए बहस होती रही। इसके बाद टीआई ने फोन कर अफसरों को इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस तरह के माहौल में काम नहीं कर सकते, इसलिए खुद ही थाना छोड़कर जा रहे हैं। 9 अप्रैल की रात टीआई ने थाने पर खुद की रवानगी डाली और चले गए। इसमें उन्होंने निजी कारणों का हवाला दिया है।
इस घटना के चलते पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। तुरंत ही मल्हारगंज थाने पर पदस्थ एसआई कल्पना चौहान को एरोड्रम थाना प्रभारी बनाया गया। हालांकि उनकी आदेश को 8 अप्रैल को जारी करना बताया गया, जबकि टीआई 9 अप्रैल को थाने से रिलीव हुए। हालाकि 8 अप्रैल को ही टीआई ने थाने से हटाने का आवेदन दिया था। इंदौर में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी टीआई ने थाने से हटाए जाने के बिना ही खुद गुस्से में थाना छोड़ दिया हो।